. जिलाधिकारी ने होम आइसोलेशन में रह रहे उपचाराधीनों की निगरानी बढ़ाने के दिए निर्देश
. अब तक तीन हजार से अधिक उपचाराधीन ले चुके हैं होम आइसोलेशन की सुविधा

गाजियाबाद। प्रशासन ने होम आइसोलेशन में रह रहे कोविड.19 के उपचाराधीनों की निगरानी बढ़ाने का निर्णय लिया है। ऐसा कोविड प्रोटोकाल का सख्ती से पालन कराने के लिए किया जाएगा। कोई भी उपचाराधीन यदि प्रोटोकाल का उल्लंघन करेगा तो उसे कोविड अस्पताल में भर्ती करा दिया जाएगा। जिलाधिकारी डा.अजय शंकर पांडेय ने कहा कि केवल इतना ही नहीं होम आइसोलेशन में प्रोटोकाल का पालन न करने पर एपिडेमिक एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई भी जाएगी। जिलाधिकारी ने कहा कि होम आइसोलेशन में रहने वालों की संख्या बढ़ रही है, साथ ही कोविड प्रोटोकाल के उल्लंघन की शिकायतें भी मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से जारी की गई गाइड लाइन के मुताबिक होम आइसोलेशन में रहने वालों को घर में भी सामाजिक दूरी का पालन करना है और किसी भी हाल में घर से बाहर नहीं निकलना है। 10 दिन आइसोलेशन में रहने के बाद स्वस्थ घोषित होने पर अतिरिक्त सात दिन और क्वेरेंटाइन में रहना जरूरी है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी सीएमओ डा .एनके गुप्ता ने बताया जनपद में अब तक 3339 उपचाराधीन होम आइसोलेशन का विकल्प ले चुके हैं। इनमें आधे से अधिक उपचाराधीन 21 से 40 वर्ष आयु वर्ग के हैं, जबकि 41 से 60 वर्ष आयु वर्ग के करीब 32 फीसदी उपचाराधीन हैं। सीएमओ ने बताया अब तक 31 उपचाराधीनों को कोविड प्रोटोकाल का उल्लंघन करने पर चेतावनी जारी की गई है। शासन की ओर से जारी की गई गाइड लाइन के मुताबिक केवल लक्षण विहीन उपचाराधीन ही होम आइसोलेशन की सुविधा ले सकते हैं। होम आइसोलेशन की मांग करने वाले उपचाराधीनों के घर रेपिड रेस्पांस टीम जाकर यह भी देखती है कि वहां आइसोलेशन के लिए पर्याप्त जगह है भी कि नहीं। इसके लिए एक अलग कमरा और कम से दो टॉयलेट होने जरूरी हैं। इसके अलावा यह भी देखा जाता है कि घर में कोई गर्भवती, बुजुर्ग या फिर किसी गंभीर बीमारी से पीडि़त तो नहीं है। होम आइसोलेशन में रह रहे उपचाराधीनों में से अब तक 190 को गंभीर होने के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
होम आइसोलेशन में रहने वाले उपचाराधीनों की निगरानी इंटीग्रेटेड कमांड कट्रोल रूम से रोजाना की जाती है। उपचाराधीन को रोजाना दो बार अपने शरीर का ऑक्सीजन स्तर और शरीर का तापपान मापकर भेजना होता है। इसके लिए उसे ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर भी खरीदना होता है। जिला प्रशासन की ओर से होम आइसोलेशन में रह रहे उपचाराधीन पर नजर रखने की जिम्मेदारी पड़ोसियों ;फ्रेंडली वॉचर्सद्ध और मोहल्ला निगरानी समिति को भी दी जाती है। सीएमओ का कहना है कि होम आइसोलेशन में रह रहे उपचाराधीन यदि घर से बाहर निकलते हैं तो इससे संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए उपचाराधीन घर से बाहर न निकलें। कई बार उपचाराधीन रोजाना दो बार कंट्रोल रूम को भेजी जाने वाली रिपोर्ट भेजने में लापरवाही कर देते हैं। आगे से ऐसी कोई बात संज्ञान में आने पर उपचाराधीन को तत्काल कोविड अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। इसके अलावा कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
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