कोविड महामारी के दौरान हृदय रोगों की संख्या में वृद्धि


मेरठ। कोरोना महामारी देश और दुनिया के लिए अभी भी एक बड़ी मुसीबत बनी हुई है जो हृदय रोगों को भी बढ़ावा दे रही है। आंकड़ों के अनुसार, कोविड के कारण हो रही कुल मौतों में लगभग 15 मरीज किसी न किसी प्रकार के हृदय रोग से ग्रस्त पाए गए।
देश में बढ़ती मृत्यु दर में हृदय रोग का एक प्रमुख योगदान है। गतिहीनए तनाव ग्रस्त और खराब जीवनशैली के साथए हृदय संबंधी बीमारियाँ न सिर्फ उम्रदराज़ आबादी के बीच एक बड़ी चिंता का विषय बनी हुई हैं बल्कि युवाओं को भी अपना शिकार बना रही हैं। डब्यूएचओ के आंकड़ों के अनुसार, भारत में प्रति 4 मौतों में एक का कारण हृदय रोग पाया जाता है, जो न सिर्फ चिंताजनक है बल्कि इसपे जल्द से जल्द ध्यान देने की आवश्यकता है।
मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख निदेशक डॉक्टर विनय कुमार बहल ने बताया  हृदय रोगों के सभी कारणों में गतिहीन जीवनशैली एक प्रमुख कारण है जिसकी रोकथाम संभव है। वहीं कोरोना की स्थिति ने जीवनशैली को और खराब करने में एक बड़ा योगदान दिया है। जहां लोग टीवी.मोबाइल के अधिक इस्तेमाल और शारीरिक गतिविधियों में कमी के कारण अधिक आलसी हो गए हैं। वहीं 20-30 की उम्र वाले लोगों के बीच धूम्रपान इस खतरे को बढ़ा देता है। अधिकतर मामलों के शुरुआती चरणों में हृदय रोगों का पता लगाना मुश्किल होता है, जो धीरे.धीरे दिल को खराब करता रहता है और आखिर में यह हार्ट फेलियर का कारण बन जाता है। कई मरीजों को बार.बार हार्ट अटैक पड़ता है और कार्डियोमायोपैथी के मरीजों में हार्ट फेलियर का खतरा ज्यादा होता है।
डॉक्टर विनय कुमार ने अधिक जानकारी देते हुए कहा कि कोविड महामारी के कारण हृदय संबंधी चिंताओं ने गंभीर रूप ले लिया है। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि हमें किसी भी कीमत पर अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना चाहिए ।लोग फिजूल ही अपनी जान न गंवाएं, इसके लिए लोगों को बीमारी की रोकथाम के तरीकों के बारे में जागरुक करना आवश्यक है। एचएस ट्रोपोनिन, मायोकार्डियल परफ्यूजऩ स्टडी और सीटी एंजियोग्राफी की मदद से कोरोनरी आर्टरी डिजीज़ का नॉन इनवेसिव निदान संभव है। हृदय रोगों से बचाव के लिए जीवनशैली की आदतों में आसानी से बदलाव किया जा सकता है जैसे कि पौष्टिक व संतुलित आहार का सेवन, शारीरिक रूप से सक्र्रिय रहना, नियमित रूप से एक्सरसाइज़ करना, धूम्रपान न करना, कोलेस्ट्रॉल और शुगर के स्तर को नियंत्रित करना आदि।,


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