.    कोविड पर काबू पाने के लिए बढ़ाई जाएगी कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग

.    रोजाना 3000 कॉन्टेक्ट्स के सैंपल जांच को भेजने की तैयारी

.    पॉजिटिव आने से पहले 14 दिन में संपर्क में आये लोगों की होगी जांच


गाजियाबाद। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ;सीएमओ डा. एनके गुप्ता ने कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में लगी टीमों को कड़े निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा है कि हर कोरोना पॉजिटिव के कम से कम 15 कॉन्टैक्ट तलाशे जाएं और उनकी जांच कराई जाए। सीएमओ ने कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग टीमों के काम की समीक्षा की और उन्हें पॉजिटिव आने वाले उपचाराधीन से रिपोर्ट आने के पहले 14 दिनों में मिले लोगों को तलाशने को कहा। इनकी संख्या किसी भी हाल में 15 से कम नहीं होनी चाहिए। सीएमओ ने बताया अब तक जनपद में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग 8.6  पहुंची है। हालांकि केवल सितंबर माह की बात करें तो यह करीब 10 रही है। यानी सितंबर माह में हर पॉजिटिव के औसतन 10 कॉन्टैक्ट खोजे गए और उनकी कोरोना जांच कराई गई, लेकिन इसे अभी और बढ़ाने की जरूरत है।
बता दें कि जिलाधिकारी डा. अजय शंकर पांडेय ने स्वास्थ्य विभाग को रोजाना कोरोना के 6000 टेस्ट कराने के निर्देश दिए हैं।निर्देश मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने कमर कसनी शुरू कर दी है। सितंबर माह के दौरान रोजाना औसतन 200 पॉजिटिव सामने आ रहे हैं। हर पॉजिटिव के 15 कॉन्टैक्ट तलाशे जाएंगे तो रोजाना 3000 सैंपल  केवल कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के ही हो जाएंगे। इसके अलावा बुखार, सूखी खांसी और सांस लेने में तकलीफ होने पर भी स्वास्थ्य विभाग कोरोना जांच करेगा। इन्हें तलाशने के लिए निजी क्लीनिकों के अलावा मेडिकल स्टोर से भी मदद ली जाएगी। यानी मेडिकल स्टोर से बुखार की दवा लेने वालों की सूची तैयार कर स्वास्थ्य विभाग उनकी भी कोरोना जांच कराएगा। सीएमओ ने कहा कि कोरोना पर काबू पाने के लिए जल्दी जांच के बाद आइसोलेशन और उपचार जरूरी है।
सीएमओ ने बताया कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के लिए एक डाक्टर और एएनएम वाली नौ टीम सीएमओ कार्यालय से ही काम कर रही हैं। सबके साथ एक.एक डाटा एंट्री ऑपरेटर है। विकास भवन में संचालित कमांड कंट्रोल रूम में 12 टीम तैनात हैं, जो पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद जानकारी कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग टीम को भेजती रहती हैं। कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग टीम पॉजिटिव और उसके परिवार से बात करके यह पता लगाने का प्रयास करती हैं कि रिपोर्ट आने के 14 दिन पहले तक पॉजिटिव किन.किन लोगों के संपर्क में आया था। इसके बाद सूची तैयार कर कंट्रोल रूम को भेज दी जाती है, जहां से उन सब की कोरोना जांच कराई जाती है।  

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