डब्लयूएचओ भारत को भी किया आगाह 
  जेनेवा
। कोरोना वायरस का अब तक कोई इलाज नहीं मिल सका है, हालांकि दुनिया भर में इसके वैक्सीन की खोज तेज हो गई है। इन सबके बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि हो सकता है कि कोरोना वायरस की रामबाण दवा शायद कभी ना मिले। डब्लयूएचओ के डायरेक्टर टेड्रोस एडनॉम गेब्रियेसस एक वर्चुअल ब्रीफिंग को संबोधित कर रहे थे।
गेब्रियेसस ने कहा कई वैक्सीन अभी अपने तीसरे चरण के ट्रायल में हैं और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इसकी प्रभावी वैक्सीन मिल जाए जो लोगों को संक्रमण से बचा सके, हालांकि फिलहाल अभी इसका कोई रामबाण इलाज नहीं है और हो सकता है कि ये कभी ना मिले।
दुनिया भर में जारी वैक्सीन की खोज पर गेब्रियेसस ने कहा, ऐसी आशंकाएं जताई जा रहीं हैं कि हो सकता है कि हमें कोई कारगर वैक्सीन ना मिले या फिर ये बस कुछ महीने के लिए ही काम करे, पर जब तक हम क्लिनिकल ट्रायल पूरा नहीं कर लेते, हमें इसके बारे में कुछ नहीं पता चल सकता।   डब्लयूएचओ  के प्रमुख ने लोगों से मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग रखने, हाथ धोने और टेस्ट कराने जैसे उपायों को जारी रखने का आग्रह किया। 
उन्होंने कहा लोगों को स्पष्ट संदेश है कि आपको कोरोना वायरस के खिलाफ सारे उपाय करने होंगे, साथ ही मास्क को दुनिया भर में एकजुटता का प्रतीक बना देना चाहिए।
माइक रेयान का कहना है कि ब्राजील और भारत जैसे संक्रमण के ज्यादा मामले वाले देशों को कोरोना के खिलाफ  एक लंबी लड़ाई जारी रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा रास्ता लंबा है और कोशिशें लगातार जारी रखने की जरूरत है। 
माइक रेयान ने कहा,कुछ देशों को वास्तव में अब एक कदम आगे बढऩा है और इस पर ध्यान देना है कि वो अपनी राष्ट्रीय सीमाओं के भीतर महामारी से कैसे निपट रहे हैं।
इससे पहले भी  डब्लयूएचओ कोरोना वायरस पर लोगों को सचेत करते हुए कह चुका है कि लोग इस तरह की गलतफहमी में ना रहे कि कोरोना वायरस एक मौसमी बीमारी है जो मौसम बदलने के साथ कम हो जाएगी।विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रवक्ता मार्गरेट हैरिस ने एक वर्चुअल ब्रीफिंग में कहा था कि कोरोना वायरस महामारी एक बड़ी लहर है। 

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