10 लाख से अधिक आबादी के शहरों में लगातार चौथी बार सबसे साफ.सुथरा शहर होने का खिताब इंदौर ने जीता
 10 लाख से अधिक आबादी के शहरों में सूरत और नवी मुंबई को क्रमश दूसरा और तीसरा स्थान मिला
1 लाख से अधिक आबादी के शहरों में मैसूर दूसरे तथा एनडीएमसी तीसरे स्थान पर
दक्षिणी दिल्ली 31 वें स्थान पर,उत्तरी दिल्ली 43वें स्थान पर, पूर्वी दिल्ली 46वें स्थान पर
नई दिल्ली। स्वच्छता सर्वेक्षण में मध्यप्रदेश के इंदौर ने लगातार चौथी बार पहला स्थान पाकर रिकार्ड कायम किया है। उधर एक लाख से 10 लाख की आबादी वाले शहरों में छत्तीसगढ़ का अंबिकापुर शहर टाप पर रहा है। 10 लाख से अधिक आबादी के शहरों में सूरत को दूसरा तथा नवी मुंबई को तीसरा स्थान मिला है जबकि 1 लाख से 10 लाख तक की आबादी के शहरों में मैसूर दूसरे तथा एनडीएमसी तीसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ को 100 निकाय श्रेणी में सबसे स्वच्छ राज्य घोषित किया गया जबकि झारखंड को 100 से कम निकाय श्रेणी के राज्यों में सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया। स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में 24 राज्यों को कुल 129 पुरस्कार दिये गये।

केन्द्रीय आवास व शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी तथा सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने बृहस्पतिवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित एक समारोह में स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के परिणामों का एलान किया। इस कार्यक्रम में 24 राज्यों के लिये कुल 129 पुरस्कार घोषित किये गये। इंदौरए अंबिकापुर, नवी मुंबई, सूरत,राजकोट और मैसूरु को फाइव स्टार तथा 86 शहरों को थ्री स्टार और 64 शहरों को एक स्टार शहर के पुरस्कार से नवाजा गया है। इस बार के सर्वेक्षण में प्रेरक दौर सम्मान की पांच नई उप श्रेणियां दिव्या प्लेटिनम, अनुपम स्वर्ण, उज्ज्वल रजत, उदित कांस्य, आरोही आकांक्षी, शामिल  की गई। राजधानी दिल्ली का दक्षिणी दिल्ली 31 वें स्थान पर, उत्तरी दिल्ली 43वें स्थान पर, पूर्वी दिल्ली 46वें स्थान पर घोषित किया गया।
   इस दौरान मंत्री पुरी ने बताया कि अबतक 4,324 शहरी निकायों को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया गया है जबकि 1,319 शहरों को ओडीएफ प्रमाणन और 489 शहरों को ओडीएफ़़ प्रमाणन दिया गया है। उन्होंने बताया कि शहरों में 66 लाख से अधिक व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों और 6 लाख से अधिक सामुदायिक व सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण हुआ है। उन्होंने बताया कि देश के 2900 से अधिक शहरों में बनाए गए 59,900 से अधिक शौचालय गूगल मैप पर सीधे उपलब्ध कराये गये हैं। उन्होंने बताया कि इस बार के सर्वेक्षण में कुल 1.87 करोड़ लोगों की राय ली गई। उन्होंने बताया कि 1.7 करोड़ नागरिकों ने स्वच्छता ऐप पर पंजीकरण कराया तथा  11 करोड़ लोगों ने इस पर सोशल मीडिया में प्रतिक्रया दी। सर्वेक्षण के दौरान 5.5 लाख स्वच्छता कर्मिंयों को सामाजिक कल्याण योजनाओं से जोड़ा गया और 84,000 कचरा बीनने वालों को मुख्य धारा से जोड़ा गया। स्थानीय निकायों ने 4 लाख से ज्यादा अनुबंधित कर्मचारियों को काम पर रखा। सर्वेक्षण के दौरान कचरा संभावित 21,000 से अधिक क्षेत्रों की पहचान की गई और उनमें बदलाव किया गया।
    इस दौरान देश भर में स्वच्छ भारत मिशन.शहरी से जुड़े घरेलू शौचालयों, के लाभार्थियों तथा सफाईकर्मिंयों या स्वच्छता कर्मचारियोंए कचरा बीनने वाले और स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों के साथ संवाद किया गया। उन्होंने कहा कि पांच साल से भी पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक स्वच्छ भारत का सपना देखा था और आज शहरी भारत का प्रत्येक नागरिक उस सपने को साकार करने के लिए एक साथ आया है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के अगले चरण में शौचालयों से मल की सुरक्षित निकासी, परिवहन और निस्तारण तथा घरों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों से निकलने वाले अपशिष्ट जल के सुरिक्षत निस्तारण का इंतजाम किया जाएगा और सभी स्वच्छता कर्मचारियों के लिए पर्याप्त सुरक्षा गियर और यंत्रीकृत उपकरणों के प्रावधान पर अधिकतम ध्यान दिया जाएगा।
   मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने बताया कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में कुल 4242 शहरों, 62 छावनी बोर्डों और 97 गंगा शहरों का सर्वेक्षण किया गया जिसमें 1.87 करोड़ नागरिकों की भागीदारी देखी गई। उन्होंने बताया कि इसमें आवासीय क्षेत्र में रहने वाले 58 हजार से अधिक लोगों तथा औद्योगिक क्षेत्र से 20 हजार से ज्यादा लोगों का सर्वे किया गया। सर्वक्षण में 64000 से अधिक वार्ड को 28 दिनों में कवर किया गया।

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