स्वास्थ्य विभाग का केयर टेकर प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने के  निर्देश
👉 होम आइसोलेशन में उपचाराधीनों के प्रति  सतर्कता जरूरी
 मेरठ, 20 आगस्त 2020। होम आइसोलेशन की सुविधा भले ही कोरोना उपचाराधीनों को रास आ रही हो, लेकिन  उनकी जरा सी लापरवाही मुसीबत का कारण बन सकती है। केयर टेकर प्रोटोकॉल का पालन न करने की वजह से मरीजों के साथ उनके परिवारवालों में भी संक्रमण फैलने के मामले सामने आने लगे हैं। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने सख्त रुख अख्तियार किया है। इसके तहत अब जहां केयर टेकर प्रोटोकॉल को पूरी तरह सख्ती से फॉलो करना होगा, वहीँ  रैपिड रिस्पांस टीम की ओर से चेकिंग भी की जाएगी।
  कंट्रेाल रूम प्रभारी  डा. वेद प्रकाश शर्मा के अनुसार मरीजों को होम आइसोलेशन से पहले उनके घर का सर्वे  किया जाता है। इसके लिये विधिवत प्रोटोकॉल की जांच की जाती है। इसके बाद ही मरीज को होम आइसोलेशन की सुविधा दी जाती है, लेकिन सोशल डिस्टेसिंग के नियमों का पालन न करने के कारण संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। इसके लिये जरूरी है कि मरीज के घर पर लोग प्रोटोकॉल का पूरा पालन करें।
 उन्होंने बताया अब तक 69 लोगों को स्वास्थ्य विभाग की ओर से होमआइसोलेशन की सुविधा मिली है। वहीं विभाग के पास हर रोज 10 से 12 होम आइसोलेशन के आवेदन आ रहे हैं, लेकिन प्रोटोकॉल की शर्तें पूरी न होने के कारण आवेदन को रद करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया जिनको बुखार, खांसी या सांस लेने में दिक्कत नहीं है वही लोग होम आइसोलेशन में रह सकते हैं।

👉 यह है प्रक्रिया

 होम आइसोलेशन की अनुमति लेने के लिये स्वास्थ्य विभाग को स्व घोषित फार्म भरकर देना होता है। इसमें होम आइसोलेशन के नियमों का पालन करने व परिवार के एक सदस्य को देखभालकर्ता का होना जरूरी होता है। इसके बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सीएचसी के प्रभारी चिकित्सक एमओआईसी व  सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट एसडीएम मरीज के घर का निरीक्षण करते हैं। अगर जानकारी सही होती है तो को होम आइसोलेशन की अनुमति मिलती है।

👉  यह हैं नियम
 होम आइसोलेशन में मरीज को थ्री लेयर मास्क पहनना जरूरी है। मरीज को एक ही कमरे में रहना होता है। घर के अन्य सभी लोग उस जगह से दूर रहते हैं। मरीज अपनी प्रयोग करने वाली कोई भी चीज किसी भी दूसरे के साथ शेयर नहीं कर सकता। कमरे का फर्श, दरवाजों के हैंडल, फर्नीचर व रोज छुई जाने वाली सभी जगहों को रोजाना सैनिटाइज करना अनिवार्य है। अगर तबियत खराब होती है तो तत्काल आरआरटी या कंट्रोल रूम को जानकारी देना अनिवार्य है।

👉 यह है होम आइसोलेशन के प्रोटोकॉल  
 होम आइसोशलेशन होने के लिये उपचाराधीन के लिये अलग रूम, अलग वॉशरूम, इंफ्रारेड थर्मामीटर, सैनिटाजर,  पल्स ऑक्सीमीटर, ट्रिपल लेयर मास्क, सोडियम हाइपोक्लोराइड के साथ घर को सैनिटाइज करने का इंतजाम, मरीज की देखभाल के लिये केयर टेकर का होना जरूरी है।

 👉  इन्होंने कहा :- 

 होम आइसोलेशन के दौरान पूरी सावधानी बरती जा रही है। अलग रूम और वॉशरूम की व्यवस्था जरूरी है। चेकिंग के लिये टीम भेजी जा रही हैं। घर के लोग चपेट में न आएंए इसके लिये सभी को गाइडलाइन का पालन करने के लिये निर्देश दिये गये हैं।

  डा राजकुमार- मुख्य चिकित्सा अधिकारी ,मेरठ

मरीज खुद को अलग कमरे में ईमानदारी से आइसोलेट रखे, घर में रहते हुए कॉमन एरिया में न जाएं ,घर वाले भी इन प्रोटोकॉल का पालन करें। किसी भी सूरत में मरीज के सम्पर्क में न आएं। भारतीय चिकित्सक संघ आईएमए लोगों को स्वास्थ के प्रति लगातार जागरूक कर रहा है।
 डा. अनिल नौसरान . सचिव आइएम, मेरठ ब्रांच 


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