छह माह तक बच्चे के लिए मां का दूध ही संपूर्ण आहार -सीएमओ
. आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर बताएंगी स्तनपान के फायदे. कोरोना वायरस के प्रति भी महिलाओं को करेंगी जागरूक
बुलंदशहर। जनपद में शनिवार को स्तनपान सप्ताह का शुभारंभ हुआ। सप्ताह का शुभारम्भ  प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन ने लखनऊ से  आनलाइन किया। कार्यक्रम के उपरांत कस्तूरबा गांधी जिला महिला अस्पताल में माताओं को नवजात शिशुओं को स्तनपान कराने के लिए जागरूक किया गया।
जिलाधिकारी कार्यालय स्थित एनआईसी में  प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन द्वारा ऑनलाइन कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इसके बाद स्थानीय स्तर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. भवतोष शंखधर ने कहा कि छह माह तक के बच्चे के लिए मां का दूध ही संपूर्ण आहार है। उन्होंने बताया आईसीडीएस ;एकीकृत बाल विकास योजनाद्ध के साथ मिलकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से जागरूकता अभियान शुरू किया गया है। इस दौरान  एएनएमए आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता धात्री माताओं को स्तनपान के लाभ बताएंगी और साथ ही यह भी समझाएंगी कि पहले छह माह तक बच्चे को स्तनपान के अलावा कुछ भी देने की आवश्यकता नहीं हैए यहां तक कि पानी भी नहीं। केवल स्तनपान से बच्चे को छह माह तक संपूर्ण पोषक आहार प्राप्त हो जाते हैं। छह माह के बाद ही बच्चे को स्तनपान के साथ कुछ ऊपरी हल्का आहार देने की जरूरत होती है।
कस्तूरबा गांधी जिला महिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. जोत्सना ने महिलाओं को कोरोना के संक्रमण को देखते हुए स्तनपान के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. रोहताश यादव ने बताया विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान स्वास्थ्यकर्मी मां और बच्चे को ज्यादा से ज्यादा समय एक साथ रहने के व्यवहार को बढ़ावा देंगे। साथ ही यह भी बताएंगे कि किसी वजह से यदि मां और बच्चे को अलग रखना जरूरी हो तो उस स्थिति में स्तनपान कैसे कराएं। आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर.घर जाकर धात्री महिलाओं को कोरोना वायरस से बचाव के साथ स्तनपान कराने का सही तरीका सिखाएंगी और स्तनपान से मां और बच्चे को होने वाले फायदे के बारे में बताएंगी। इतना ही नहीं भूखा होने पर बच्चे के संकेतों को पहचानना भी सिखाएंगी। आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता छोटे बच्चों वाले घरों में जाकर आश्वस्त होंगी कि बच्चा स्तनपान कर रहा है या नहीं। आंगनबाड़ी केंद्रों और ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस वीएचएनडी पर माताओं को स्तनपान के फायदे बताए जाएंगे और बाकायदा स्तनपान कराने की ट्रेनिंग भी दी जाएगी। स्तनपान सप्ताह में कोरोना वायरस के प्रति  पूर्णत: सतर्कता बरती जाएगी। 
जिला कार्यक्रम प्रबंधक हरिप्रसाद ने बताया प्रसव के एक घंटे के अंदर बच्चे को स्तनपान कराना जरूरी होता है। दूर.दराज के क्षेत्रों में ऐसे मिथक प्रचलित हैं कि प्रसव के बाद मां का पहला दूध गंदा होता हैए यह बिल्कुल गलत और निराधार है। मां का पहला गाढ़ा दूध बच्चे के लिए टीके का काम करता है। इससे बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। जनपद के खुर्जा सिकन्द्राबाद पहासू दानपुर डिबाई सहित अन्य ब्लॉक में धात्री माताओं को स्तनपान कराने के लिए प्रेरित किया गया।







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