तनाव से बचें सकारात्मक सोचें, डरें कतई नहीं गर्भवती

न्यूज प्रहरी,मेरठ,। पूरे विश्व में फैले कोरोना वायरस ने सभी को चिंता में डाल दिया है। इसका सबसे ज्यादा असर गर्भवती महिलाओं में देखा जा रहा है, जो अपने गर्भ में पल रहे बच्चे को लेकर तनाव में हैं। चिकित्सकों ने गर्भवती महिलाओं को तनाव से बचने की सलाह दी है। उनका कहना है कि यह वक्त सकारात्मक सोच का है। डर को दिमाग में लाने का नहीं है।


परिवार नियोजन की नोडल अधिकारी व अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. पूजा शर्मा और राजेन्द्र नगर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की प्रभारी डा. ऋचा गुप्ता का कहना है कि कोरोना का संक्रमण गर्भवती महिलाओं के जरिए बच्चे में नहीं फैल सकता है, फिर भी उन्होंने ऐसी महिलाओं को एहतियात बरतने की सलाह दी है। उनका कहना है कि गर्भावस्था के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिससे शरीर का प्रतिरोधी तंत्र संवेदनशील हो जाता है। इस कारण ऐसे समय में गर्भवती को विशेष सर्तकता बरतने की जरूरत है, ताकि वह कोरोना के संक्रमण से बची रहें। उन्होंने बताया ऐसे समय में तनाव ग्रस्त होने से बच्चे की सेहत को नुकसान हो सकता है। ऐसे में जितना वह वर्तमान में जिएंगी अपने हर मिनट, हर घंटे व हर दिन को खुलकर जिएंगी उतना ही बेहतर महसूस करेंगी। अपने आप को सकारात्मक बनाए रखने के लिये जीवन साथी से ज्यादा से ज्यादा मदद लें। मन के अंदर डर को दबाने के बजाय परिवार के सदस्यों से साझा करें।


डा. पूजा शर्मा ने बताया कोरोना संक्रमित गर्भवती के भ्रूण में संक्रमण फैलने का खतरा नहीं होता है। प्रसव के दौरान अगर बेहद सावधानी बरती जाए तो संक्रमण नवजात तक नहीं फैल सकता है, लेकिन इस समय पैदा हुए सभी बच्चों की सुरक्षा बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा इन दिनों प्रसव के लिये गर्भवती को गांव से अस्पताल तक लेकर जाना सबसे बड़ी चुनौती है। सुरक्षित प्रसव के लिये आशा व स्थानीय दाई की सहायता ले सकते हैं। ऐसे में बार-बार अस्पताल जाने के बजाय संभव हो तो फोन से ही चिकित्सक के सम्पर्क में रह कर उनसे सलाह ले सकते हैं। संक्रमण से अपने को बचाने के लिये थोड़ी -थोड़ी देर में हाथ धोना बहुत जरूरी है। परिवार के सदस्यों से भी उचित दूरी बना कर रखें। बाहर न जाकर घर में ही चहलकदमी करें।

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