आज से सिडिंकेट के स्थान पर जिले का लीड बैंक केनरा बैंक
१० बैंक मिलकर बने चार बैंक
न्यूज प्रहरी-मेरठ। १अप्रैल यानी आज से दस बैंकों के मर्जर के बाद यह चार बैंक में बदल जाएंगे। इसके साथ ही देश में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या 2017 में 27 से घटकर 12 हो जाएगी। इन बैंकों को 55,250 करोड़ रुपये दिये जाएंगे। इसमें से अकेले पंजाब नेशनल बैंक को 16,000 करोड़ रुपये मिलेंगे। वहीं मेरठ मंडन्ल की लीड कर रहा बैंक भी सिडिकेंट के स्थान पर केनरा बैंक हो जाएगा।
मेरठ में अभी तक मंडल का लीड बैंक सिडिकेट बैंक था जिसकी ६४ शाखाए है जबकि केनरा बैंक की १८ शाखाए है। बुधवार अब सिडिंकेट बैक क स्थान पर लीड बैंक केनरा बैंक होगा। केनरा बैंक का सिंडिकेट बैंक में विलय दोनों के मर्जर के बाद यह चौथा सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक बन जाएगा, जिसकी पूंजी 15.20 लाख करोड़ रुपये के व्यापार के लिए होगी और देश में इसके 10,324 शाखा होंगे।यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक मिलाकर एक बैंक बन जाएंगे। ये भारत का पांचवा सबसे बड़ा सरकारी क्षेत्र का बैंक होगा जिसका कारोबार 14.59 लाख करोड़ रुपये होगा और इसकी 9,609 शाखाएं होंगी।इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक का विलय इसकी व्यापार पूंजी 8.08 लाख करोड़ रुपये होगी।
ग्राहकों पर क्या पड़ेगा असर
अकाउंट नंबर और कस्टमर आईडी हो सकता है नया बैंक मर्जर के बाद आपको एक नया खाता नंबर और कस्टमर आईडी मिल सकती है। इसके लिए आपके ईमेल पता और मोबाइल नंबर का बैंक के शाखा के साथ अपडेट होना जरूरी है ताकि आपको बैंक की ओर से बदलाव की सूचना मिल सके आपके सभी खातों को एक सिंगल कस्टमर आईडी में टैग किया जा सकता है।
ब्रांच और एटीएम पर असर
मर्जर के बाद अगर किसी इलाके में बैंक की दो शाखाएं हैं तो उनमें से एक को बंद किया जा सकता है।
नई चेकबुक, डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड इशू हो सकता है।
फिक्स्ड डिपॉजिट एफडी या रेकरिंग डिपॉजिट आरडी पर मिलने वाले ब्याज में कोई बदलाव नहीं होगा।
जिन ब्याज दरों पर व्हीकल लोन, होम लोन, पर्सनल लोन आदि लिए गए हैं, उनमें कोई बदलाव नहीं होगा।
ऑटो-डेबिट -क्रेडिट के लिए खाते की जानकारी
ऐसा संभव है कि आपने विभिन्न ट्रांजेक्शन के लिए अपना बैंक खाता संख्या और प्थ्ैब् कोड दिया हो। इन ट्रांजेक्शन में ईसीएस के जरिए डिविडेंड का ऑटो क्रेडिटए सैलरी का ऑटो क्रेडिट, बिल-चार्ज इत्यादि के लिए ऑटो डेबिट शामिल है। एंकर बैंक के फाइनेंशियल सिस्टम के साथ दूसरे बैंकों का पूरी तरह विलय हो जाने पर ऐसी चीजों के लिए अपने बैंक अकाउंट के ब्योरे को बलदने की जरूरत पड़ सकती है। जिन ग्राहकों को नया अकाउंट नंबर या आईएफएससी कोड दिया जाएगा, उन्हें विभिन्न थर्ड पार्टी एंटिटी के साथ इन ब्योरों को अपडेट करना होगा।
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