सतत समाज हेतु कानून, दर्शन और धर्म के समन्वय पर सुभारती में अंतर्राष्ट्रीय विमर्श
मेरठ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती विवि के सरदार पटेल सुभारती विधि संस्थान में ‘‘सतत वैश्विक समाज के लिए कानूनी दर्शन और धर्म के एकीकृत दृष्टिकोण’’ विषय पर एक अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। यह आयोजन संस्थान के निदेशक, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) राजेश चन्द्रा के मार्गदर्शन तथा विधि संकायाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) वैभव गोयल भारतीय के संरक्षण में सम्पन्न हुआ।
सम्मेलन के मुख्य वक्ता, प्रो. (डॉ.) विनोद कुमार दीक्षित ने कानून की उत्पत्ति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्राचीन ग्रीक समाज प्रकृति को ही विधि मानता था, जबकि राज्य का कानून संभावनाओं पर चलता है। उन्होंने सेंट थॉमस एक्विनास, जॉन लॉक, कुमारिल भट्ट और ओशो के सिद्धांतों के माध्यम से बताया कि कैसे विधि और धर्म समाज को दिशा देते हैं।
कॉन्फ्रेंस में इंडोनेशिया से प्रो. जकियु मुहम्मद, क्रोएशिया से प्रो. एगर वाल्टिक तथा यूक्रेन से प्रो. एवेजिनिया जरिकावा जैसे अंतर्राष्ट्रीय वक्ताओं ने अपने विचार रखे। प्रो. वाल्टिक ने यूरोपीय दर्शन पर बात की, वहीं प्रो. जरिकावा ने पर्यावरण संरक्षण को कानून से जोड़ने पर बल दिया।
यूनाइटेड किंगडम से बौद्ध धर्म प्रचारक प्रो. फामसन फांग ने कहा कि पीड़ित और अपराधी से समान व्यवहार होना चाहिए। वहीं, ईसाई मतावलंबी प्रिया एरिस्टोटल ने कानून को सामान्य समझ बताते हुए बाइबिल के सिद्धांतों को भारतीय संविधान से जोड़ा।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलाधिपति स्तुति नारायण कक्कड़ ने कहा कि कोई भी धर्म हिंसा या अराजकता को बढ़ावा नहीं देता। कुलपति प्रो. प्रमोद कुमार शर्मा ने बताया कि विधि बाहरी और धर्म आंतरिक रूप से समाज को समावेशी बनाते हैं। न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) राजेश चन्द्रा ने सायरा बानो और सबरीमाला जैसे वादों का जिक्र करते हुए संवैधानिक नैतिकता पर जोर दिया।
कार्यक्रम की समन्वयक प्रो. (डॉ.) रीना बिश्नोई ने स्वागत भाषण दिया और संचालन इफरा सिद्दीकी व जोया राव ने किया। अंत में प्रो. (डॉ.) वैभव गोयल भारतीय ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस आयोजन में देश-विदेश के कई विद्वानों, न्यायिक अधिकारियों, शिक्षकों और छात्रों ने भाग लिया, जिनमें प्रो. (डॉ.) उषा सहानी, डॉ. कामेश्वर पाण्डेय, दीपा सैनी, विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ग्रुप कैप्टन मुहम्मद याकूब तथा सुभारती डिफेंस एकेडमी के निदेशक कर्नल राजेश त्यागी का विशेष सहयोग रहा। इस दौरान डॉ. सारिका त्यागी, डॉ. प्रेम चन्द्रा, डॉ. आफरीन अल्मास, एना सिसोदिया, सोनल जैन, अरशद आलम, अनुराज चौधरी, आशुतोष देशवाल, हर्षित, प्रो. (डॉ.) सरताज अहमद, डॉ. शशिराज तेवतिया, प्रो.संदीप चैधरी, प्रो. अनोज राज, प्रो. पिन्टू मिश्रा सहित बड़ी संख्या में शिक्षकगण व विद्यार्थी उपस्थित रहे।


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