मेले के साथ बुद्ध के करुणा, मैत्री तथा सद्भावना एवं सौहार्द के पथ पर चलने का दिव्य ज्ञान प्राप्त करने का अवसर- दया शंकर सिंह 

 सुभारती विवि में बुद्ध मेले का आयोजन 

  मेरठ। शनिवार को   सुभारती विवि एवं संघमाता डॉ. मुक्ति ग्लोबल बुद्धिस्ट फाउंडेशन के संयुक्त तत्त्वावधान में चतुर्थ सुभारती बुद्ध मेले का भव्य शुभारंभ उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह के द्वारा किया गया। अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि सुभारती विवि एवं संघमाता डॉ. मुक्ति ग्लोबल फाउंडेशन के द्वारा किया गया यह प्रयास आज के समय की जरुरत है। इस मेले के द्वारा ना सिर्फ लोगों को मनोरंजन का एक मौका मिल रहा है अपितु उन्हें तथागत बुद्ध के करुणा, मैत्री तथा सद्भावना एवं सौहार्द के पथ पर चलने का दिव्य ज्ञान प्राप्त करने का अवसर मिल रहा है। 

 बोले आकर मुझे यह अहसास हुआ कि सुभारती विवि सिर्फ समाज में विद्या का प्रसार कर रहा है, अपितु यहां पर पग-पग पर राष्ट्रीयता एवं हमारे देश के स्वतंत्रता समर के अमर बलिदानियों की शौर्य गाथा को दर्शाया गया है। यह दर्शाता है कि यहां हमारे देश के भावी कर्णधारों को शिक्षा के साथ-साथ राष्ट्रीयता एवं सेवाभाव के साथ तैयार किया जा रहा है जो आने वाले समय में देश को विश्वपटल पर गौरवांवित करेंगे। 



वहीं अपने संबोधन में सुभारती समूह के संस्थापक डॉ. अतुल कृष्ण ने कहा कि स्वामी विवेकानंद सुभारती विवि एवं संघमाता डॉ. मुक्ति ग्लोबल बुद्धिस्ट फाउंडेशन का सुभारती बुद्ध मेले के आयोजन के द्वारा यह प्रयास है कि तथागत बुद्ध के संदेशों को जन-जन तक पहुंचाया जा सके। जिसके द्वारा समाज में व्याप्त सभी तरह की कुरीतियों को दूर किया जा सके। 

 मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. शल्या राज ने कहा कि इस वर्ष चतुर्थ बुद्ध मेले का आयोजन किया जा रहा है। इस मेले में हर वर्ष लोगों की संख्या में वृद्धि हो रही है जो यह बताने के लिए काफी है कि मेरठ एवं आसपास की जनता में सुभारती बुद्ध मेले को लेकर कितनी उत्सुकता रहती है।  यह मेला ना सिर्फ लोगों को आज के तनाव भरे जीवनशैली में मनोरंजन के कुछ पल उपलब्ध करा रहा है बल्कि इसके जरिए लोगों तक महात्मा बुद्ध के संदेशों को पहुंचाने का कार्य भी किया जा रहा है। 

ऑपरेशन पवन के शहीदों किया गया याद

वहीं दूसरी ओर सुभारती विश्वविद्यालय में सन 1987 में श्रीलंका में शांति स्थापना के लिए भारतीय सेना द्वारा किए गए ऑपरेशन पवन के शहीदों को भी एक स्मृति समारोह में याद किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत विश्वविद्यालय परिसर स्थित शहीद स्मारक में मुख्य अतिथि लेफ़्टिनेंट जनरल हरदेव सिंह लिड्डर, परम विशिष्ट सेवा मेडल, विश्वविद्यालय के संस्थापक डॉ अतुल कृष्ण, विश्वविद्यालय की कुलाधिपति डॉ. स्तुति नारायण कक्कड़ समेत सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों व ऑपरेशन पवन में शहीद एवं सम्मिलित अधिकारीयों के परिजनों के द्वारा पुष्पांजलि व अमर जवान ज्योति जलाने के साथ हुई। वहीं इस कार्यक्रम का दूसरा भाग विश्वविद्यालय के सत्यजीत रे सभागार में भव्य कार्यक्रम के रुप में आयोजित हुआ। इस दौरान ऑपरेशन पवन में शामिल हुई भारतीय वायुसेना के शौर्य गाथा को भी सुनाया गया। 

इस दौरान अतिथियों का औपचारिक स्वागत भाषण सुभारती डिफ़ेंस अकादमी के निदेशक कर्नल राजेश त्यागी द्वारा दिया गया। वहीं ऑपरेशन पवन में शामिल हुए सेवानिवृत्त सेना अधिकारियों ने ऑपरेशन पवन पर आधारित प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया जिससे लोगों को इस ऑपरेशन को बेहतर तरीके से समझने का मौका मिला। इस प्रस्तुति का उद्देश्य लोगों को यह बतलाना था कि किस प्रकार अदम्य साहस और शौर्य दिखाते हुए भारतीय सेना ने लिट्टे के आतंकवादियों से डटकर सामना किया और श्रीलंका में शांति स्थापित करने में तत्कालीन श्रीलंका सरकार को सहयोग दिया।    

 समय- समय न केवल विश्व शांति के साथ दुश्मनों से की रक्षा 

वहीं इस दौरान कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल हरदेव सिंह लिड्डर(सेनि.) ने कहा कि ये हमारे देश की महानता है कि हमारी सेना दूसरे देश में भी शांति स्थापना के लिए शामिल होती है। हमारी भारतीय सेना ने समय-समय पर ना केवल देश की दुश्मनों से रक्षा की है अपितु जब भी विश्व में हमें शांति प्रयासों को स्थापित करने के लिए कहा गया है तब-तब हमारी सेनाओं ने आगे बढ़कर अदम्य साहस का परिचय देते हुए कीर्तिमान स्थापित किया है। हम सुभारती विश्वविद्यालय का आभार प्रकट करते हैं कि उन्होंने आज अडतीस वर्ष के बाद भी ऑपरेशन पवन में शामिल सैनिकों एवं इसमें सर्वोच्च बलिदान करने वाले अमर बलिदानियों को सार्वजनिक मंच पर याद किया एवं सम्मानित किया जिससे हमारे देश के लोग इस ऑपरेश के बारे में जान पाएंगे। इस दौरान सुभारती सूमह से संबंधित सभी अधिकारी एवं कर्मचारी तथा विभिन्न संकायों के विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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