पूंछ में शहीद हुए ललित की बहन बोली अब किसे राखी बांधूगी
मेरठ। आज पूरा देश रक्षा बंधन का पर्व हर्षाेल्लास के मनाया जा रहा है। लेकिन बहनों यह साल दर्द दे गया है। अब वह अपने भाईयों को राखी नहीं बांध पाएंगी
'ललित ने कहा था, तेरी जिंदगीभर रक्षा करूंगा, मगर आज वादा करने वाला ही मुझे छोड़ गया है। वो होनहार था, पहली कोशिश में ही सेना में भर्ती हो गया था। उसकी कमी कोई पूरी नहीं कर सकता है।'
जम्मू के पुंछ में हुए बम ब्लास्ट में शहीद हुए ललित कुमार की बहन काजल उन्हें याद करते हुए रोने लगती हैं। रक्षाबंधन पर दैनिक भास्कर की टीम काजल का दर्द बांटने उनके घर पहुंची। वह कहती हैं- ललित को पहली पोस्टिंग ही तो मिली थी। 25 जुलाई की शाम को हमारे पास जम्मू से कॉल आया, सेना के अधिकारी ने वो खबर सुनाई, जिससे हमारी दुनिया ही उजड़ गई।
परिवार के सदस्यों ने बताया- ललित चार भाई-बहन में सबसे छोटा था। वो बचपन से समझदार था, खुद के लिए नहीं, पूरे परिवार के सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत करता था। 1 महीने बाद भी परिवार में मातम छाया है।
बहन काजल ने कहा- ललित घर का पहला ऐसा बेटा था, जो सरकारी नौकरी में गया था। ललित इंटर पास करने के बाद बीए की पढ़ाई कर रहा था। उसने मुझसे कहा था- सेना में 4 साल की नौकरी करने के बाद मैं आगे की पढ़ाई पूरी करूंगा।
वहीं, बड़े भाई नितिन ने बताया- ललित ने जब कहा था कि उसका सेना में सिलेक्शन हो गया है तो पूरा घर खुशी से झूम उठा था। पहले दिन ही रात के समय ललित ने सभी घर वालों से फोन पर बात की थी। इसके अलावा पड़ोस में रहने वाले दोस्तों से भी उसकी बात हुई थी।
पिता राजपाल सिंह ने बताया- ललित ने नौकरी के लिए पहला ही फॉर्म भरा था। उसका इसमें ही नंबर आ गया। बेटे के सिलेक्ट होने पर ऐसा लगा था कि कष्ट और मेहनत मजदूरी करने का सारा फल मिल गया है।
ललित की बहन काजल ने बताया कि जब तक वह सेना में भर्ती नहीं हुआ था, तब तक मैं अपने तीनों भाइयों को एक साथ बैठाकर राखी बांधती थी। मैं एक गरीब परिवार से हूं। मेरे पास कोई ऐसा गिफ्ट भी नहीं है। अगर मैं कह सकूं कि यह मेरे भाई ने मुझे दिया है।
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