नमो भारत और मेट्रो से मेरठ के उद्योग को मिलेगा बढ़ावा
दिल्ली तक पहुंच तीव्र और आसान होगी
मेरठ।देश की पहली नमो भारत अब मेरठ के अंदरुनी हिस्से में पहुंचने वाली है। मेरठ में नमो भारत के साथ-साथ मेट्रो भी चलेगी, जिसके कारण शहर के उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और दिल्ली तक पहुंच बेहद आसान व तीव्र हो जाएगी। मेरठ में कई तरह के उद्योग हैं, जिनमें खेलों से जुड़ा सामान जैसे क्रिकेट बैट विश्व प्रसिद्ध हैं। इसके अलावा कई तरह के खेल उपकरण भी मेरठ में ही बनाए जाते हैं। मेरठ के अंदरुनी इलाकों जैसे शताब्दी नगर और बेगमपुल से नमो भारत संचालित होने के साथ ही इन सभी उद्योग और औद्योगिक इकाइयों को काफी लाभ होगा।
वर्तमान में दिल्ली के न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ के बीच दौड़ रही नमो भारत ट्रेन का मेरठ की तरफ अगला स्टेशन शताब्दी नगर है, जो संचालन के लिए तैयार हो रहा है। खास बात है कि मेरठ साउथ से ही मेट्रो भी संचालित होनी है। परतापुर और रिठानी, मेरठ साउथ से शताब्दी नगर के बीच में दो मेट्रो स्टेशन हैं। इन स्टेशनों पर नमो भारत का स्टॉप नहीं होगा और केवल मेट्रो ट्रेन रुकेंगी। शताब्दी नगर के बाद नमो भारत का अगला स्टेशन बेगमपुल है जिसे मेरठ का दिल भी कहा जाता है।
मेरठ के परतापुर और रिठानी में कई औद्योगिक इकाइयां हैं। इस क्षेत्र में खेलों से जुड़े कई तरह के उपकरण भी बनाए जाते हैं जिनकी सप्लाई ना सिर्फ देश में बल्कि विदेशों तक है। साथ ही जूते बनाने वाली कंपनियां भी यहां शामिल हैं, जो देश के कई हिस्सों में अपना सामान भेजती हैं।
इसी क्षेत्र में दूध की एक बड़ी कंपनी का प्लांट है, जिसका संचालन सहकारी समिति करती है। इस प्लांट में दूध और इससे बनने वाले तमाम उत्पादों की प्रोसेसिंग, पैकिंग आदि से जुड़े कार्य किए जाते है और इनकी सप्लाई भी होती है। अचार और मुरब्बे बनाने और इसकी प्रोसेसिंग से जुड़े कार्य करने के लिए भी इन क्षेत्रों में फैक्ट्री हैं। इन औद्योगिक इकाइयों में काफी सामान दिल्ली से भी आता है, जिसके लिए कर्मचारियों को दिल्ली आना-जाना पड़ता है। नमो भारत संचालित होने से उन सभी को आसानी होगी। इसके अलावा मेरठ के सबसे नजदीकी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी दिल्ली में है। पहले जो दूरी बस या निजी कार से घंटों में पूरी होती थी, वो अब मिनटों में सिमट जाएगी।
नमो भारत के द्वारा दिल्ली-गाजियाबाद से मेरठ साउथ तक का सफर करने वाले लोगों को फिलहाल मेरठ के अदरुनी हिस्से में जाने के लिए ऑटो या सिटी बस का विकल्प लेना पड़ता है लेकिन मेट्रो के चलने से ये सफर और भी आनंददायक, तीव्र और सुरक्षित हो जाएगा। तीन कोच वाली मेट्रो मेरठ में 23 किलोमीटर के सेक्शन में दौड़ती नजर आएगी, जिसके लिए 13 स्टेशन तैयार हो रहे हैं। मेरठ साउथ से चलकर मोदीपुरम डिपो तक मेट्रो की सेवा यात्रियों को मिलेगी। मेरठ मेट्रो देश की सबसे तेज मेट्रो है, जिसकी अधिकतम ऑपरेशनल स्पीड 120 किलोमीटर प्रतिघंटा है। देश में ऐसा पहली बार है कि जिस ट्रैक और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर सेमी हाई-स्पीड नमो भारत दौड़ेगी, उसी पर मेरठ मेट्रो का संचालन भी होगा।
इतना ही नहीं, नमो भारत कॉरिडोर के आसपास के क्षेत्र को ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) नीति के तहत विकसित किया जाएगा। इस कॉरिडोर के आसपास ही सभी तरह की सुविधाएं मिलेंगी और मौजूदा सुविधाओं का विकास होगा। टीओडी, तेजी से हो रहे शहरीकरण से उत्पन्न चुनौतियों के लिए समाधान देता है जिसमें कुशल सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों पर केंद्रित व विकास के लिए भूमि के इस्तेमाल तथा परिवहन के एकीकरण पर जोर दिया जाता है। टीओडी को बढ़ावा देने से शहरी फैलाव, भीड़भाड़ और प्रदूषण को प्रभावी ढंग से कम किया जा सकता है। नमो भारत और मेट्रो के साथ टीओडी को लेकर मेरठ के बुनियादी ढांचे और शहरी विकास संभावनाओं की आकांक्षा पर समय-समय पर हितधारकों के विचार और सुझाव भी आमंत्रित किए जाते रहे हैं। इसके अलावा नमो भारत के संचालन से स्थानीय लोगों को भी रोजगार भी मिल रहा है जो पूरे कॉरिडोर के संचालित होने के बाद और अधिक बढ़ेगा।
नमो भारत ट्रेन फिलहाल दिल्ली के न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ तक 55 किमी के संचालित खंड में 11 स्टेशनों के बीच चल रही है। मेरठ साउथ से मेट्रो की सेवा बहुत जल्द मिलेगी जो परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैसाली, बेगमपुल,एमईएस कॉलोनी, दौरली, मेरठ नॉर्थ, मोदीपुरम और मोदीपुरम डिपो के बीच चलेगी। इनमें से मेरठ सेंट्रल, भैसाली और बेगमपुल अंडरग्राउंड स्टेशन हैं। मेरठ में चार स्टेशनों- मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल और मोदीपुरम से ना सिर्फ मेट्रो बल्कि 160 किलोमीटर प्रतिघंटे की अधिकतम रफ्तार से दौड़ने वाली नमो भारत की सुविधा भी मिलेगी।
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