उत्तर प्रदेश में निवेशकों को जागरूक और सशक्त बनाने के लिए आगरा में मेगा आरआईएसए सेमिनार आयोजित

सेबी के मार्गदर्शन में एनएसई, एनएसडीएल और अन्य मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशंस (एमआईआई) ने निवेशकों को वित्तीय जानकारी और धोखाधड़ी से बचाव के लिए जागरूक किया

आगरा, 24 जून, 2025: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और नेशनल सिक्योरिटीज़ डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) ने मंगलवार को आगरा के सूरसदन हॉल में एक मेगा रीजनल इन्वेस्टर सेमिनार (मेगा आरआईएसए) का आयोजन किया। सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को निवेश से जुड़ी सही जानकारी देना, जागरूकता बढ़ाना और धोखाधड़ी से बचने के तरीके बताना था। इस सेमिनार में शेयर बाज़ार और निवेश से जुड़े विषयों को सरल भाषा में समझाया गया, ताकि आम निवेशक भी आसानी से समझ सकें और अपने धन को समझदारी से निवेश कर सकें।

मेगा आरआईएसए के आयोजन में देश के अन्य प्रमुख मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशंस (एमआईआई), जैसे- बीएसई, एमएसई, सीडीएसएल, एमसीएक्स, एनसीडीईएक्स और एएमएफआई का सहयोग भी शामिल रहा। इस पहल का उद्देश्य समाज के अलग-अलग तबकों को एक मंच पर लाना था, जिनमें सरकारी विभाग, पुलिस और सेना के अधिकारी, एमएसएमई और एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट कारोबारी, प्रोफेशनल्स और छात्र शामिल रहे।

उत्तर प्रदेश: निवेशक जागरूकता का अहम् केंद्र

निवेशकों की जानकारी और भागीदारी के मामले में उत्तर प्रदेश देश में तेजी से आगे बढ़ता राज्य बन गया है। अप्रैल 2025 तक, 1.3 करोड़ पंजीकृत निवेशकों के साथ उत्तर प्रदेश देश में दूसरे नंबर पर रहा, जो भारत के कुल निवेशकों का 11.4% है। सिर्फ अप्रैल 2025 में ही राज्य में 1.4 लाख नए निवेशक जुड़े हैं, जिससे नए पंजीकरण में यूपी की हिस्सेदारी 14.2% हो गई। इतना ही नहीं, अप्रैल 2025 में व्यक्तिगत निवेशकों के कारोबार में उत्तर प्रदेश ने देश में सबसे अधिक बढ़त दर्ज की, यानि 7.3% की वृद्धि के साथ यह आँकड़ा लगभग 1 लाख करोड़ रुपए तक पहुँच गया। अप्रैल 2025 में म्यूचुअल फंड्स के इक्विटी एवरेज एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (एएयूएम) में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी लगभग 6.5% रही।

उद्देश्य: निवेश की सही जानकारी से लोगों को सशक्त बनाना

इस मेगा आरआईएसए कार्यक्रम को आज के तेज़ी से बदलते वित्तीय माहौल, तेज़ी से बढ़ती डिजिटल पहुँच और उसके साथ-साथ बढ़ते ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया था। इस कार्यक्रम में निवेशकों के अधिकार और जिम्मेदारियाँ, समझदारी से निवेश करने की आदतें जिससे दीर्घकालिक संपत्ति बनाई जा सके, म्यूचुअल फंड और शेयर बाज़ार की जानकारी, डिजिटल धोखाधड़ी से सतर्क रहने के तरीके और साइबर सुरक्षा जैसे अहम् विषयों पर फोकस किया गया।

सेमिनार में विशेषज्ञों द्वारा प्रेज़ेंटेशन और पैनल चर्चाएँ आयोजित की गईं, जिनमें नियामक संस्थाओं, अर्थशास्त्रियों, साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों और बाज़ार से जुड़े लोगों ने अपनी राय और सुझाव साझा किए। इसके अलावा कार्यक्रम में वित्त से संबंधित एक रोचक क्विज़ के आयोजन के साथ ही, इंटरएक्टिव स्टॉल और डिजिटल डिस्प्ले भी लगाए गए थे, जिनमें निवेशकों की सुरक्षा और शिकायत समाधान से जुड़ी सुविधाओं को सरल तरीके से समझाया गया।

एनएसई के  कृष्णन अय्यर ने कहा , "भारत की विकास यात्रा विश्वास, पारदर्शिता और तकनीक पर आधारित है। वित्तीय समावेशन की परिभाषा महज़ पहुँच तक ही सीमित नहीं है, बल्कि जागरूकता और कार्रवाई भी इसके महत्वपूर्ण स्तम्भ हैं। मेगा आरआईएसए के ज़रिए हमारा उद्देश्य लोगों तक विश्वसनीय वित्तीय जानकारी पहुँचाना है, ताकि हर भारतीय आत्मविश्वास के साथ सुरक्षित और समझदारी से निवेश कर सके। आगरा में आयोजित यह मेगा आरआईएसए इस दिशा में एक अहम् कदम है, जिससे निवेशकों को वित्तीय धोखाधड़ी को समझने और उनसे बचने की ताकत मिलेगी। हमारा मानना है कि निवेशक जागरूकता एक मजबूत अर्थव्यवस्था की नींव है।"

एनएसई देशभर में निवेशक शिक्षा की दिशा में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान, एनएसई ने देश के सभी 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में कुल 14,679 निवेशक जागरूकता कार्यक्रम (आईएपी) आयोजित किए, जिनसे 8 लाख से अधिक लोग जुड़े। आगरा में आयोजित यह मेगा आरआईएसए इस बात का प्रमाण है कि किस तरह नियामक संस्थाएँ, एक्सचेंज और डिपॉजिटरी एकजुट होकर ऐसे नागरिक तैयार करने की दिशा में काम कर रहे हैं, जो वित्तीय रूप से जागरूक, डिजिटल रूप से सतर्क और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हों।


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