कही इजराइल न बन जाए गाजा का मैदान !
जंग में ईरान को इस देश से मिल सकती है बड़ी मदद
ईरान ,एजेंसी। ईरान और इजराइल के बीच जारी युद्ध में रूस की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है। पुतिन ने दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों से बात की है। रूस ईरान को सैन्य सहायता, जैसे S-300/S-400 मिसाइलें और खुफिया जानकारी साझा कर सकता है। इजराइल-ईरान की जंग तेजी से बढ़ रही है और ये दुनिया के चिंता का सबब है।
ईरान-इजराइल के बीच भीषण जंग जारी है। वार-पलटवार चल रहा है। युद्ध की स्थिति पर ईरान के साथ रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन भी आ खड़े हुए हैं। खबर है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इजराइल और ईरान, दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों से फोन पर बातचीत की है। इस बीच रूस यूक्रेन के साथ युद्ध लड़ रहा है। कहा जा रहा है कि मुश्किल में होने की वजह से रूस अब तक खुलकर ईरान की मदद के लिए नहीं आया. बहरहाल, रूस और ईरान के बीच पहले ही अच्छे संबंध हैं।
ईरान की ओर से मदद मांगे जाने पर रूस S-300, S-400 की सप्लाई तेज कर सकता है। खबर है कि क्रूज मिसाइलें भी भेजने पर विचार किया जा रहा है। रूस और ईरान दोनों एक दूसरे को खुफिया जानकारियां साझा कर सकते हैं। इसके लिए सैटेलाइट इंटेलिजेंस की शेयरिंग पर भी जोर दिया जाएगा। माना जा रहा है कि ड्रोन, मिसाइल, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की भी रूस ईरान को मदद कर सकता है। एक बड़ा खतरा साइबर अटैक को लेकर भी है, जिसमें रूस मदद करने को तैयार है।
इस साल की शुरुआत में पुतिन और ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान के बीच एक रणनीतिक साझेदारी समझौता भी हुआ था, जिसमें सुरक्षा सहयोग बढ़ाने की बात कही गई है. इजराइली पीएम नेतन्याहू ईरान को घुटने टेकने तक युद्ध जारी रखने का ऐलान कर चुके हैं। नतेन्याहू ने कहा है कि युद्ध में वो ईरान से आगे चल रहे हैं। पीछे हटने का सवाल ही नहीं है।
ईरान में सैन्य ठिकानों के साथ न्यूक्लियर संयंत्रों पर IDF के हमले जारी हैं.।उधर ईरान भी इजराइल के कई शहरों पर मिसाइलें बरसा रहा है। युद्ध की आर-पार की स्थिति के बीच इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का बड़ा बयान सामने आया है।उन्होंने कहा है कि वो ईरान पर हमले को लेकर अपने प्लान से काफ़ी आगे चल रहे हैं।
खामेनेई सहित कोई भी महफूज नहीं
आतंकी संगठन हिज्बुल्लाह प्रमुख नसरुल्लाह को मारने के बाद इजराइल ने ईरान पर हमले का फ़ैसला कर लिया था। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में कह चुके हैं कि ईरान में अब सुप्रीम लीडर खामेनेई सहित कोई भी अब महफूज नहीं है. उनसे पूछ गया कि क्या खामेनेई को वो मारना चाहते हैं? उन्होंने मीडिया में इस तरह की किसी जानकारी देने से इनकार करते हुए ये कहा कि सारे विकल्प खुले हुए हैं।
इससे पहले नेतन्याहू ने कहा था कि वो ईरान से इजराइल पर हमले की पूरी कीमत वसूल करेंगे। इजराइली रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने खामेनेई की तुलना मॉडर्न हिटलर से कर डाली है। काट्ज ने कहा है कि खामेनेई जैसे तानाशाह को जीने का अधिकार नहीं है। उन्होंने हमेशा अपने एजेंटों के जरिए इजराइल को खत्म करना चाहता है। तेहरान में ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची की हत्या की साजिश रची गई थी।
युद्ध में अमेरिका की डायरेक्ट एंट्री ना हो
ईरानी मीडिया का दावा है कि इस साजिश का सूत्रधार इजराइल है, लेकिन वो अपने मनसूबों में नाकाम रहा। ईरान-इजराइल में जारी भीषण जंग के बीच जब ईरानी विदेश मंत्री पूरी दुनिया को अपना पक्ष बताने में जुटे हैं। युद्ध में अमेरिका की डायरेक्ट एंट्री ना हो, इसकी कवायद में जुटे हैं। इस बीच उन्हें रास्ते से हटाने की साजिश की गई। ईरानी मीडिया की रिपोर्ट है कि जंग के दौरान तेहरान में उनके विदेश मंत्री अरागची की हत्या की कोशिश की गई।
मगर, ईरान की खुफिया एजेंसियों ने इस साजिश को नाकाम कर दिया। ईरानी मीडिया तस्नीम की रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्री के सलाहकार मोहम्मद हुसैन रंजबरान ने इस साजिश को इजराइल की एक बड़ी साजिश करार दिया है। आरोप है कि इजराइल जंग को भड़काना चाहता है। खबर है कि जिनेवा में जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन के विदेश मंत्रियों से मुलाकात होने से पहले अरागची और अमेरिकी विशेष दूत स्टीव विटकॉफ के बीच कई बार फोन पर बातचीत हुई।
सूत्रों के मुताबिक अरागची ने उन्हें स्पष्ट कहा कि इजराइल जब तक सैन्य ठिकानों पर हमले बंद नहीं करता, ईरान से किसी तरह के समझौते की उम्मीद ना रहे। ईरान की ओर से ये संदेश तब सामने आया है, जब तेहरान में विदेश मंत्री पर हमले की साजिश हुई। दूसरी ओर अमेरिका ने बिना शर्त समझौते पर लौटने की खुली धमकी दी।
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