-




हादसों ने बढ़ाई चिंता
 इलमा अज़ीम 
   अहमदाबाद दुर्घटना ने बोइंग विमानों की सुरक्षा पर फिर जबरदस्त चिंताएं बढ़ा दीं। पहले ही गुणवत्ता नियंत्रण, डिजाइन की मजबूती, सुरक्षा मानकों और नियामक निगरानी पर सवाल कम नहीं हैं। वहीं, 2009 में पहले क्रैश के बाद से 100 से अधिक घटनाएं हुईं। साल की शुरुआत में ही वाशिंगटन जा रहे बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर को आइवरी कोस्ट पर उड़ते वक्त इमरजेंसी के चलते लागोस में लैंडिंग करानी पड़ी, सितंबर 2024 में, दिल्ली से बर्मिंघम जा रहे बोइंग 787-800 विमान की इमरजेंसी में मास्को में लैंडिंग कराई गई। 11 मार्च 2024 को 50 यात्रियों को लेकर सिडनी से ऑकलैंड जाते समय बोइंग ड्रीमलाइनर में अचानक हलचल हुई। यात्री छत से टकराए और कई घायल हो गए।


 2021 से 2023 के बीच, फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन यानी एफएए ने बोइंग ड्रीमलाइनर विमानों की डिलीवरी रोक दी ताकि सुरक्षा मानकों की जांच हो सके। उसके बाद बोइंग ने निर्माण प्रक्रिया में बदलाव कर डिलीवरी शुरू की। कंपनी ने कहा कि अब उसके विमान उड़ान के लिए सुरक्षित हैं। इस बीच फिटनेस और बाकी औपचारिकताओं को पूरा करने की कागजी कवायद में कोई कमी नहीं आई कि अहमदाबाद में इसी 12 जून को बोइंग 787 ड्रीमलाइनर क्रैश अब तक का तीसरा सबसे बड़ा हादसा बनकर सामने आया।
 787 ड्रीमलाइनर साल 2011 में पहली बार सेवा में आया जिसने पिछले 14 साल तक बिना किसी घातक हादसे के 10 बिलियन से ज्यादा यात्रियों को ढोया। अहमदाबाद प्लेन क्रैश से पहले इसके नाम कोई मौत दर्ज नहीं थी। लेकिन अहमदाबाद प्लेन क्रैश बोइंग का तीसरा सबसे बड़ा हादसा बन गया। 


बड़ा सवाल यह भी कि 108 साल पुरानी कंपनी, अनगिनत क्रैश और हजारों मौतों का कलंक क्या धुलेगा? सवाल उत्तराखंड की हेलीकॉप्टर सेवा पर भी है। अभी इस चारधाम यात्रा को 5 हेलीकॉप्टर हादसों ने हिला दिया। हर बार खराब मौसम की वजह सामने आती है, जबकि लापरवाही की चर्चाएं मोटी कमाई, ज्यादा चक्कर, ओवरलोडिंग जैसे आरोपों से कंपनी घिरी है।

 14 सालों में 13 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाएं और 41 मौतें उन्नत तकनीक के दौर में बेहद दुखदायी हैं। ठीक वैसे ही जैसे पुणे का बंद हो चुका जर्जर पुल खुद के ढहाने का सरकारी इंतजार करता रहा। लेकिन एक सैलाब ने वो कर दिया जो वहां की सरकार नहीं कर पाई। इससे असमय 4 मौतें, 15-20 घायल हुए और ढेरों सवाल खड़े हो गए।

No comments:

Post a Comment

Popular Posts