आत्मघाती न हो विकास का मॉडलः सीएम योगी
लखनऊ (एजेंसी)।अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जैव विविधता के महत्व को भारत से ज्यादा कोई नहीं समझ सकता। किसी सनातन परिवार में मांगलिक कार्य की शुरुआत शांति पाठ से होती है। ये अपने लिए नहीं होता बल्कि पूरे संसार के कल्याण की कामना के साथ मांगलिक कार्य शुरू होता है। ये वेद की सूक्ति के साथ शुरू होता है। अगर मनुष्य को जीवित रहना है तो संसार के बारे में सोंचना होगा।
मुख्यमंत्री योगी लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि जैव विविधता दिवस के आयोजन का उद्देश्य यही है कि प्रकृति को बचाते हुए सतत विकास को बचाया जाए। हमें विकास का ऐसा मॉडल अपनाना चाहिए जो कि आत्मघाती न हो। प्रकृति और पुरुष का समन्वित रूप ही पर्यावरण है। प्राचीन काल में हर गांव में खलिहान की भूमि होती थी। लोग खेत में आग नहीं लगाते थे। पराली में आग नहीं लगाते थे। गांव में खाद का खड्ड होता था। कंपोस्ट के रूप में उसका इस्तेमाल होता था। हर गांव में तालाब था। उसे गंदा नहीं करते थे। सुविधा के साथ खड्ड, खलिहान और गोचर जमीन पर कब्जा हो गया। तालाब के पानी को गंदा कर दिया गया। आज इंसेफेलाइटिस जैसे बीमारी हो गई। अपने लिए हमने बीमारी बुला ली। हमें रहना है तो पर्यावरण, नदी, पेड़, जीव जंतुओं के बारे में सोचना होगा।
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