बीआर गवई बने भारत के नए मुख्य न्यायाधीश
52वें सीजेआई के रूप में राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ
नई दिल्ली (एजेंसी)।
भारत को आज नया मुख्य न्यायाधीश मिल गया है। न्यायमूर्ति बृजेश रंगनाथ गवई ने देश के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक सादे लेकिन गरिमामय समारोह में उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
बीआर गवई ने जस्टिस संजीव खन्ना की जगह ली है। जस्टिस संजीव खन्ना 13 मई को रिटायर हुए थे। जस्टिस गवई इस पद पर पहुंचने वाले पहले बौद्ध हैं। साथ ही वे दूसरे ऐसे अनुसूचित जाति के व्यक्ति हैं, जो इस पद पर पहुंचे हैं। गवई का कार्यकाल 23 नवंबर 2025 को खत्म होगा।
महाराष्ट्र के अमरावती में जन्मे जस्टिस गवई ने फ्रीजरपुरा स्लम के नगरपालिका स्कूल में 7वीं तक पढ़ाई की। फिर मुंबई और नागपुर में पढ़े। अमरावती के कॉलेज से बीकॉम और एलएलबी की। 1985 में नागपुर में बॉम्बे हाईकोर्ट की बेंच में वकालत शुरू की। 2003 में बॉम्बे हाईकोर्ट के एडिशनल जज बने और 2005 में स्थायी नियुक्ति मिली। 24 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट जज बने। इनके पिता रामकृष्ण सूर्यभान गवई लोकसभा सांसद रहे हैं। 2006 से 2011 के बीच बिहार, सिक्किम और केरल के राज्यपाल भी रहे हैं। हैं। वह सीजेआई बनने वाले पहले बौद्ध हैं। दलित समुदाय से दूसरे सीजेआई हैं। इससे पहले जस्टिस केजी बालाकृष्णन 2007 में सीजेआई बने थे। जस्टिस गवई नोटबंदी, अनुच्छेद 370, इलेक्टोरल बॉन्ड जैसे अहम मामलों में फैसला सुनाने वाली बेंच का हिस्सा रहे हैं।
सीजेआई बीआर गवई ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया।
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