उद्यमिता विकास हेतु मशरूम उत्पादन पर प्रशिक्षण संपन्न

 शिक्षा एक पावर है शरीर नहीं कुलपति दीप अहलावत

कृषि में रोजगार की असीम संभावनाएं कुलपति प्रोफेसर के के सिंह

मेरठ। सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में  सैनिकों के  लिए  रीसेटलमेंट कोर्स के अंतर्गत खाद और औषधि मशरूम उत्पादन तकनीकी विषय पर 19 दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया इसका समापन आज कर दिया गया क्योंकि सैनिकों की छुट्टियां कैंसिल होने के कारण उनको अपने हेड क्वार्टर पर रिपोर्ट करना था इसलिए मशरूम पर आयोजित प्रशिक्षण को कुछ दिन पहले ही संपन्न कर दिया गया।    सभी सैनिक अपने हेड क्वार्टर पर जाकर अपनी रिपोर्टिंग कर सकें।

 समापन समारोह का आयोजन कुलपति सभागार में किया गया कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रोफेसर के के सिंह ने कहा कृषि में व्यापार की अपार संभावनाएं हैं कृषि केवल पेट भरने का जरिया ही नहीं है इसके अलावा इसमें रोजगार की असीम संभावनाएं हैं उन्होंने कहा कृषि क्षेत्र में 2800 स्टार्टअप कृषि क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कृषि क्षेत्र की उपयोगिता लगातार बढ़ती जा रही है उन्होंने कहा कृषि विविधीकरण को अपनाकर सैनिक जब रिटायरमेंट को प्राप्त कर लेंगे तो उसके उपरांत वह यदि खेती में आते हैं तो अपनी आय बढ़ा सकते हैं उन्होंने सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा गोट फार्मिंग वर्मी कंपोस्ट मशरूम उत्पादन मधुमक्खी पालन डेरी फार्मिंग कुकुट पालन मत्स्य पालन आदि के क्षेत्र में रोजगार की असीम संभावनाएं हैं इसलिए इस क्षेत्र में कार्य किया जा सकता है उन्होंने कहा कि मशरूम उत्पादन कम लागत में अधिक आय देने वाला व्यवसाय है इसलिए इस व्यवसाय को प्रारंभ किया जा सकता है

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय के कुलपति दीप अहलावत ने सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा की 44 साल की सेवा के बाद सैनिक अपनी सेवा से सेवा निवृत हो जाते हैं इसलिए उनके पास कई क्षेत्रों में कार्य करने के लिए समय होता है उन्होंने कहा कि इस तरह की ट्रेनिंग करने के बाद वह स्टार्टअप और अन्य लाभकारी खेती को प्रारंभ कर सकते हैं सैनिक अपनी नॉलेज को उपस्किल करके और आगे बढ़ सकते हैं उन्होंने कहा कृषि विश्वविद्यालय का वर्क कल्चर बहुत अच्छा है इसलिए ऐसे संस्थान से ट्रेनिंग लेने के उपरांत वह आसानी से कृषि को व्यवसाय के रूप में अपनाते हुए आगे बढ़ सकते हैं उन्होंने कहा देश सेवा करते हुए अपने एक अच्छी डिसिप्लिन लाइफ की है सेवानिवृत्ति के बाद गांव में जाकर आप अपने-अपने गांव में अपनी नॉलेज को किसने तक पहुंचाएं उन्होंने कहा कि आजकल टेक्नोलॉजी का जमाना है इसलिए आपको टेक्नोलॉजी के साथ साथ आगे बढ़ना होगा उन्होंने कहा शिक्षा ही पावर है शरीर नहीं इसलिए शिक्षा लेने के बाद उसका सदुपयोग किया जाना चाहिए

इस प्रशिक्षण के कोर्स डायरेक्टर डॉ गोपाल सिंह ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए कहा की प्रशिक्षण में मशरूम के लिए कंपोस्ट तैयार करना बीज उत्पादन पैकेजिंग मार्केटिंग तथा व्यवसाय शुरू करने के लिए कहां से फंडिंग प्राप्त की जा सकती है पूर्ण जानकारी दी उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण में 30 सैनिकों ने भाग लिया जिसमें 29 वायु सेवा के तथा एक थाल सी से संबंधित थे यह प्रशिक्षण 21 अप्रैल से प्रारंभ हुआ था जो आज संपन्न हो गया इस कार्यक्रम में स्वागत भाषण कुल सचिव प्रोफेसर राम जी सिंह द्वारा दिया गया तथा धन्यवाद प्रस्ताव अधिष्ठाता कृषि डॉक्टर विवेक धामा ने दिया इस अवसर पर निदेशक ट्रेंनिंग प्लेसमेंट प्रोफेसर आर एस सेंगर प्रोफेसर प्रशांत मिश्रा प्रोफेसर सत्य प्रकाश प्रोफेसर एसपी सिंह प्रोफेसर रमेश कुमार यादव प्रोफेसर राजेंद्र कुमार आदि शिक्षक भी मौजूद रहे इस अवसर पर सभी सैनिकों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए

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