एकजुटता और संयम जरूरी

पड़ोसी देश पाकिस्तान की हरकतों ने देश को गुस्से को भर दिया है। पड़ोसी के इस इस नापाक हरकत को लेकर आम हिदुस्तानी में रोष है, लेकिन ऐसे संवेदनशील हालात में संयम बेहद जरूरी है। उधर, भारत के शीर्ष नेतृत्व ने एकबार फिर स्पष्ट किया है कि उसका इरादा तनाव बढ़ाने का नहीं है। लेकिन हम जवाबी कार्रवाई के लिये पूरी तरह तैयार हैं।
 मतलब साफ है कि अब सामरिक जीत से हटकर रणनीतिक स्थिरता पर जोर दिया जाना चाहिए। आने वाले दिनों में नागरिक सुरक्षा, कूटनीतिक संदेश और आंतरिक सुरक्षा पर लगातार ध्यान देने की आवश्यकता होगी। भारत को सुरक्षा प्राथमिकताओं से समझौता किए बिना वैश्विक भागीदारों को जानकारी देना जारी रखना चाहिए। साथ ही अपने नागरिकों से पारदर्शिता बनाए रखनी चाहिए। 
ऑपरेशन सिंदूर के जारी रहने के बावजूद, एकीकृत राजनीतिक रुख और संस्थागत सतर्कता बाहरी खतरों के सामने लोकतांत्रिक लचीलेपन का एक आदर्श प्रस्तुत करती है। इसके अतिरिक्त देश के सीमावर्ती इलाकों के ग्रामीण की सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता से बौखलाए पाकिस्तान ने हताशा में जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर मौत और विनाश का तांडव मचाया है।


 पुंछ सेक्टर में भारी गोलाबारी में 13 नागरिकों की जान चली गई। वहीं सीमावर्ती इलाके के गांवों में बड़ी संख्या में घर क्षतिग्रस्त हो गए। पाकिस्तान ने पहलगाम हमले के बाद उस संघर्ष विराम का उल्लंघन कर दिया है जिसे 2021 में नये सिरे से लागू किया गया था। पाकिस्तान सेना ने बेशर्मी से नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाया है। जबकि भारतीय सेना ने अपनी जिम्मेदारी के साथ हमलों को पाकिस्तान और पीओके में आतंकी बुनियादी ढांचे के स्थलों तक ही सीमित रखा था।


 यह तय है कि भारत की सधी और नियंत्रित कार्रवाई ने पाक के साथ-साथ उसके क्षेत्र से संचालित होने वाले आतंकी संगठनों को हिलाकर रख दिया है। भारत ने पड़ोसी पाक को बता दिया है कि भारत आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता रखता है, लेकिन साथ ही हमें एलओसी व सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।

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