पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट की जमानत याचिका खारिज
नई दिल्ली (एजेंसी)।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को साल 1990 में हिरासत में मौत मामले में पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट की जमानत याचिका खारिज कर दी। इस मामले में पूर्व आईपीएस को उम्रकैद की सजा हुई है।
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि 'इस याचिका की कोई मेरिट नहीं है। ऐसे में हम संजीव भट्ट की जमानत मंजूर नहीं कर रहे हैं। याचिका खारिज की जाती है।' याचिका में संजीव भट्ट ने अपनी सजा और दोषसिद्धि को चुनौती दी थी। इससे पहले गुजरात उच्च न्यायालय ने भी साल 2024 में संजीव भट्ट की याचिका खारिज कर दी थी और दोषसिद्धि को बरकरार रखा था।
गौरतलब है कि 30 अक्तूबर 1990 में जामजोधपुर शहर में हुए सांप्रदायिक दंगे के मामले में 150 लोगों को हिरासत में लिया था। ये लोग भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की रथ यात्रा रोके जाने का विरोध कर रहे थे। इन्हीं में से एक प्रभुदास वैषनानी नामक व्यक्ति की रिहाई के बाद अस्पताल में मौत हो गई थी। वैषनानी के भाई ने संजीव भट्ट और छह अन्य पुलिस अधिकारियों पर उसके भाई को हिरासत में प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। 5 सितंबर 2018 को संजीव भट्ट की गिरफ्तारी हुई थी।
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