25 साल तक सेना की  सेवा करने  वाले नायब सूबेदार को जोरदार ढ़ग से हुआ गृह जनपद में स्वागत 

 मेरठ। 25 साल साल तक देश की सेवा करने वाले नायब सुबेदार को मेरठ पहुंचे पर जोरदार तरीके करते हुए फुल मालाओं से लांध दिया गया। अपना सम्मान पाकर नायब सूबेदार की आंखे नम हो गया। 

प्रवेश विहार निवासी  रविन्द्र कुमार चपराणा शनिवार को पूंछ से 6 राजपूत रेजिमेंट से बतौर नायब सूबेदार के पद से रिटायर हुआ है। रविवार को वह मेरठ पहुंचे। अपने घर लौटने पर मौहल्लेवासियों, मित्रों और परिजनों ने धूमधाम से स्वागत किया। मौहल्लेवासियों ने भारत माता के जयकारों के साथ ढोल ढमाके और हर्षोल्लास से पुष्प बरसाकर स्वागत किया। साई मंदिर  से लेकर सूबेदार के घर तक सेवा निवृत्त फौजी रविंद्र कुमार चपराणा को नगरवासियों ने जन रैली निकालकर ले गए।  जगह-जगह उनका स्वागत पुष्पवर्षा से किया गया।  साथ ही भारत माता की जय और वन्देमातरम के नारों से पूरी रैली सराबोर हो गई।  पूरे रास्ते भारत माता के जयकारे लगाए ,इस दौरान वाहनों पर तिरंगा लगाया गया। पूरे रास्ते भारत माता के जयकारे लगाए गए। अपनी माटी के लाल के स्वागत में मौहल्लेवासियों  ने पलक-पावड़े बिछा दिए. जगह-जगह पर पुष्प वर्षा के साथ माला पहनाकर स्वागत किया गया। नगरवासियों बोले कि फौजी रविंद्र कुमार चपराणा  हमारे लिए न केवल गर्व की अनुभूति का प्रतीक है बल्कि प्रेरणा स्रोत भी हैं। यादव की प्रेरणा से आज नगर के कई युवा देश सेवा के लिए फौज में जाने की तैयारी कर रहे हैं।

इस दौरान उनकी धर्म पत्नी कविता, बेटी परी, व दोनो बेटे रितिक कार्तिक, कमलेश चौहान , हेमराज, सुभाष, देवेंद्र, तुषार, गजेंद्र, अवनीश, शेखर, नरेंद्र, संजय, अंकित, देवेंद्र प्रधान जी, लव कुश शास्त्री, धर्मेंद्र, प्रमोद, सचिन, कृष्णा, गजेंद्र फौजी, अमनीश फौजी, परवीन फौजी, कुंवरपाल फौजी, तपन फौजी, विपिन फौजीआदि रहे।

सेना में बेस्ट स्नाईपर  शूटर रहे चुके है रविन्द्र 

  नायब सूबेदार रविन्द्र कुमार चपराणा निवासी प्रवेश विहार आर्मी में तैनात 6 राजपूत रैजिमेंट में बतौर तैनात रहे । जम्मू कश्मीर पूंछ सैक्टर में तैनात रहे है। राजौरी में वह तैनात रहे चुके है। वर्ष 2002  पूंछ में आधा दर्जन आंतकवादियों से लोहा लेते हुए एक मकान में घुसे उग्रवादियों को मारा था। रविन्द्र 2001  बतौर सिपाही से भर्ती हुए थे। रविन्द्र सिंह का कहना है 25 नौकरी करने पर गर्व है। उन्होंने बताया वह अपनी बटालियन के बेस्ट स्नाईपर  शूटर रहे चुके है। इसके लिए उन्हें कई बार अवार्ड मिल चुका है। 

 बता दें किसी भी बटालियन में गिनती के ही स्नेपर शूटर होते है। इसके लिए बकायदा उनकी कड़ी ट्रेनिंग होती है। कई परीक्षा से गुजरने के बाद ही  स्नेपर शूटर बनता है। 

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