देश को दो पदक  दिलाने वाले पारूल के इकलौता गांव में जश्न का मौहाल 

 पीएम से लेकर जनप्रतिनिधियों का लगा बंधाई का तांता 

   पारूल के गांव लौटने से पहले गांव में होने लगी स्वागत की  तैयारी 

  मेरठ। चीन में चल रहे एशियाई खेलों में देश को पहले सिल्वर फिर सोने का पदक दिलाने वाली पारूल चौधरी के  गांव इकलौता में जश्न का माहौल  बना हुआ है। पदक जीतने के बाद देश विदेश से उनके परिजनों के मोबाइल फोन पर बधाइयों को तांता लगा हुआ है। पूरा गांव अब उनके आठ अक्टूबर को गांव में लौटने पर पलखे बिछाए बैठा हुआ है। गांव में उनके स्वागत के भव्य तैयारी की जा रही है। न्यूज प्रहरी प्रखर ने देश को दो पदक दिलाने वाले पारूल के गांव में ग्राउंड रिर्पोटिंग कर हाल जानने का प्रयास किया। 

गांव में घुसने के बाद पारूल के मकान के आसपास साफ सफाई  की जा रही थी। मकान के अंदर जाने पर पारूल की मां राजेश देवी अपने पशुओं को नहला रही थी। वहीं पारूल के पिता कृष्णपाल सिंह अपने मकान के आंगन में हुक्का गुडगुडा रहे थे। वहां पर गांव के बधाई देने के पहुंच रहे थे। तभी उनके मोबाइल फोन पर सांसद राजेन्द्र अग्रवाल का फोन बधाई देने के लिए आया। तभी थाेडी देर में मटौर के पंजाब नेशनल बैंक के प्रबंधक पारूल के आवास पर पहुंचे। उन्होंने पारूल के पिता को बेटी के दो पदक प्राप्त करने पर बधाई दी। 

 बातचीत का सिलसिला पारूल के पिता से शुरू हुआ। पिता कृष्णपाल अपनी बेटी के देश के लिए दो पदक प्राप्त कर फूले नहीं समा रहे थे। उनका कहना था। उनका कहना था बेटी मेहनत तो कर रही थी। यह नहीं सोचा था कि वह एशियाई खेलों में सिल्वर व गोल्ड पदक जीतेगी। उनका साफ कहना  उन लोगों के  लिए था लो बेटा बेटी में अंतर मानते है। उन्होनें कहा बेटा बेटी को बराबर का दर्जा देना चाहिए । वह भी पिता का सीना चौडा कर सकती है। जिस प्रकार से पारूल ने कर दिखाया है।उन्होंने बताया  वह  साधारण किसान है ज्यादा पैसे भी खर्च नहीं कर सकता था। घर में एक गाय थी उसी का दूध पीकर पारुल बड़ी हुई। उसकी बड़ी बहन प्रीति भी ऐसे ही खिलाड़ी है। दोनों बहनों ने बहुत मेहनत की है। आज पूरा देश हमारी बेटी के नाम से मुझे जानता है।

 मां राजेश देवी कहती हैं, हमने बेटा, बेटी शुरू से एक बराबर समझे, कभी इनमें भेद न किया। लेकिन पारुल इतना बढ़िया करेगी ये तो हमारे लिए सपना था। उन्होंने कहा बेटी को आगे बढाने में उसका हौसला बढाना चाहिए । बेटियां भी परिवार समेत देश का नाम रोशन कर सकता है। अब समय बदल रहा है लोगों को भी अपनी पुरानी सोच को बदलना होगा। उन्होंने बताया कि बेटी  से रात में बात हुई, उसने सिर्फ कहा मम्मी तेरी सपना सच हुआ, मैंने कहा था कि एशियन में गोल्ड आ जाए भगवान ऐसी कृपा करे। उसने अपनी मां की ख्वाहिश पूरी कर दी। बेटी ओलिंपिक में मेडल जीते अब ये सपना है। इसके बाद हम उसकी शादी करेंगे।"

 पारूल के भाई राहुल चौधरी ने बताया कि  सफलता इतनी आसन नहीं थी, बहन  ने बहुत संघर्ष किया है, रोजाना 30 किलो मीटर  साइकिल चलाकर मेरठ जाती। वहां स्टेडियम में प्रैक्टिस करती। इसके बाद पढ़ाई भी करती। गांव के लोग कहते थे कि बहन लड़कों के साथ दौड़ रही है,लेकिन पूरे परिवार ने इन सब बातो को दरकिनार कर दिया। पारूल ने दो पदक जीत कर साबित कर दिया है।

एक और जहां पूरे गांव में जश्न का माहौल हो परिवार में पारूल की भाभी पूजा पर अपनी ननद के एशियाई खेलों में दो पदक जीतने के बाद फूली नहीं समा रही है।पारुल की भाभी पूजा ने बताया कि मुझे अपनी नंद से बहुत प्यार और गर्व है। हर लड़की उनकी तरह बने, वो घर आती हैं, तो यहां सामान्य लड़कियों की तरह रहती हैं, मेरे साथ काम भी कराती हैं। मुझे भी मोटिवेट करती हैं। उन्होंने बताया हनमें पारूल का पदको वाला कमरा तैयार कराया था। जिसका नाम पारूल का कमरा रखा था लेकिन पदकों कर संख्या के कारण कमरा छोटा पड गया है। इससे बडा कमरा तैयार किया जा रहा है। 

कृष्ण्पाल के परिवार की स्थिति

कृष्णपाल किसान हैं। जबकि बड़ा बेटा राहुल दीवान टायर फैक्टरी में मैनेजर है, दूसरे नंबर की बेटी प्रीति सीआईएसएफ में स्पोर्ट्स कोटे से दरोगा है। तीसरे नंबर की पारुल चौधरी हैं। वह उत्तर रेलवे  में टीटीई हैं। चौथे नंबर का बेटा रोहित यूपी पुलिस में है। पारुल और प्रीति ने भराला गांव स्थित बीपी इंटर कॉलेज से कक्षा 10 व इंटर की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद मेरठ कॉलेज मेरठ से ग्रेजुएशन की। पटियाला पहुंचकर विवि टॉपर रही।

पारुल चौधरी की 3,000 मीटर स्टीपल चेज की उपलब्धियां

2023 : विश्व एथलेटिक चैंपियनशिप, बुडापेस्ट, हंगरी : 9:15:31 मिनट

2023 : विश्व एथलेटिक चैंपियनशिप, बुडापेस्ट, हंगरी : 9:24:29 मिनट

2023 :लास एंजिलिस ग्रांड प्रिक्स, अमेरिका : 9:29:51 मिनट

2023 : इंडियन चैंपियनशिप, कलिंग, भुवनेश्वर : 9:34:23 मिनट

2023 : एशियन एथलेटिक चैंपियनशिप, बैंकाक : 9:38:76 मिनट

2023 : ट्रैक नाइट, न्यूयार्क, अमेरिका : 9:41:88 मिनट

2022 : इंडियन ग्रांड प्रिक्स, थिरुवनंतपुरम : 9:38:29 मिनट

2022 : वर्ल्ड एथलेटिक चैंपियनशिप, ओरेगन, अमेरिका : 9:38:09 मिनट

2022 : इंडियन ग्रांड प्रिक्स, भुवनेश्वर : 9:42:24 मिनट

No comments:

Post a Comment

Popular Posts