टीबी मुक्त पंचायत एवं फैमिली केयर गिवर तैयार करने के लिए  मास्टर ट्रेनर्स  का दो दिवसीय प्रशिक्षण समापन 

- क्षय रोगी के परिवार या करीबी लोगों में से तैयार होगा “फैमिली केयर गिवर”  
- केयर गिवर को मिलेगा प्रशिक्षण, सामुदायिक स्तर पर बढ़ेगी जागरूकता
- क्षय रोग के उपचार का बेहतर अनुपालन होने से सुखद परिणाम मिलेंगे    
 मेरठ। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान का लक्ष्य हासिल करने के लिए फैमिली केयर गिवर तैयार होंगे। इसके लिए क्षय रोग विभाग ने जिला पंचायती राज विभाग के साथ मिलकर प्रयास तेज कर दिए हैं। इसी परिपेक्ष में जिला क्षय रोग विभाग में दो मास्टर ट्रेनर्स का प्रशिक्षण समाप्त हो गया। इसमें 12 ब्लॉक के एडीओ व बीस टीबी यूनिट के चिकित्साधिकारी व एसटीएस को प्रशिक्षण दिया गया। 
 जिला क्षय रोग अधिकारी डा गुलशन राय  ने बताया - इसके लिए हर क्षय रोगी के लिए उसके परिवार या करीबी लोगों में से ऐसे व्यक्ति को चिन्हित किया जाएगा, जो क्षय रोगी की अच्छे से देखभाल करते हुए  फैमिली केयर गिवर (प्राथमिक देखभाल कर्ता) की भूमिका निभा सके। देखभाल कर्ता को क्षय रोगी के साथ अस्पताल जाना होगा, जहां स्वास्थ्य कर्मी उसे पोषण से लेकर उपचार के अनुपालन तक का प्रशिक्षण देंगे। 

उन्होंने  बताया - फैमिली केयर गिवर के जरिए उपचार का अनुपालन बेहतर तरीके से हो सकेगा और क्षय रोगियों व उनके परिजनों का आत्म विश्वास बढ़ेगा। इसके साथ ही समुदाय में टीबी के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और सामुदायिक स्तर पर क्षय रोगियों को बेहतर सहयोग मिल सकेगा। इसी क्रम में बुधवार को स्टेट ऑब्जर्वर डा. उदित मोहन की देखरेख में सीएमओ कार्यालय सभागार में मास्टर ट्रेनर्स के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। टीबी मुक्त पंचायत एवं फैमिली केयर गिवर प्रशिक्षण में स्वयं जिला पंचायती राज अधिकारी (डीपीआरओ) वीरेंद्र सिंह और चारों ब्लॉक से एडीओ पंचायत भी पहुंचे। 

मास्टर ट्रेनर जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) ने मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षण दिया। उन्होंने बताया - प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के लिए सामुदायिक सहयोग जरूरी है। फैमिली केयर गिवर तैयार करने का उद्देश्य देखभाल कर्ता के रूप में पारिवारिक सदस्यों की भूमिका को मजबूत करना है। हमें प्रशिक्षण के माध्यम से परिवार के सदस्यों में यह क्षमता विकसित करनी है। इससे जहां रोगी और देखभाल कर्ता के रूप में एक नई बॉडिंग बनेगी, वहीं क्षय रोगी का आत्मविश्वास बढ़ेगा और उपचार के परिणाम भी निश्चित तौर पर बेहतर होंगे। 
 इस मौके पर डब्ल्यएचओ की कन्सलटेंट डा रेनू ढोफे ,जिला समन्वयक नेहा सक्सेना,पीपीएम शबाना बेगम, अजय सक्सेना, अंजू गुप्ता आदि मौजूद रहे। 


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