एक अनोखा कदम
12 जून से यूपी बाेर्ड की ओर से प्रत्येक जिले में डीआईओएस दफ्तर में होगा कैंप का आयोजन
हाई स्कूल व इंटमीडिएट के प्रमाण पत्रों की त्रुटियों को किया जाएगा समाप्त
त्रुटियों को डाटा तैयार करने में जुटी विभाग
मेरठ। प्रदेश भर में एक बहुत ही बड़ी समस्या है वह समस्या है यूपी बोर्ड से ताल्लुक रखने वाले ऐसे छात्र-छात्राओं की जो कि काफी लंबे समय से अपने पढ़ाई के दस्तावेजों में किसी ना किसी त्रुटि के सुधार के लिए लगातार अफसरों की चौखट पर बार-बार गुहार और फरियाद लगाते देखे जाते हैं ।
अब इसमें बड़ा निर्णय उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की तरफ से लिया गया है। इस निर्णय के बाद अब ऐसे तमाम लोगों को राहत मिलने की उम्मीद जगी है , जो कि अपने हाईस्कूल और कक्षा बारहवीं के प्रमाणपत्रों में किसी न किसी वजह से छात्र छात्राओं के अंक पत्रों या प्रमाणपत्रों में हुई त्रुटि को सुधार करवाने के लिए परेशान हैं।
बता दें कि 12 जून 2023 से उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की तरफ से प्रत्येक जिले में डीआईओएस दफ्तर पर कैंप लगने जा रहे हैं।विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि अब तक के जितने भी ऐसे आवेदन उन्हें परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जिलों से प्राप्त हुए हैं। सबसे पहले उनकी सूची तैयार की जा रही है । उस सूची को सम्बंधित जिलों के डीआईओएस के यहां भेजने की प्रक्रिया जारी है । 12 जून से 30 जून की समय अवधि में ही आवेदकों के जिले में ही निदान कराया जा सकेगा।
माध्यमिक शिक्षा परिषद के मेरठ परिक्षेत्र के क्षेत्रीय सचिव कमलेश कुमार ने बताया कि उनके कार्य क्षेत्र में 4 मंडल के 17 जनपद आते हैं । इन 17 जनपदों के 10,000 से भी अधिक ऐसे आवेदन 2022 से अब तक उनके पास शेष हैं जिनके के पढाई से सम्बंधित दस्तावेजों में कुछ न कुछ त्रुटियां हैं।
मेरठ परिक्षेत्र के 17 जिलों के 10 हजार से अधिक आवदेन क्षेत्रीय कार्यालय पर
प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा परिषद के 5 क्षेत्रीय कार्यालय हैं। इससे सहज ही यह भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगर मेरठ परिक्षेत्र में ही 2022 से अब तक 10 हजार से अधिक ऐसे आवेदन पंजिकृत हैं तो प्रदेश भर में तो यह संख्या काफी ज्यादा होगी। इसके साथ ही यह भी जानना बेहद जरूरी है कि वर्षों से ऐसी फाइलें शिक्षा विभाग के दफ्तरों में त्रुटियों में सुधार के लिए दबी पड़ी हैं। वर्ष 84 सेत्रुटियों वाली फाइलें दबी पडी है।
जिला मुख्यालयों पर होगा समस्या का निवारण
उन्होंने कहा कि इसीलिए ये निर्णय लिया गया है कि 2022 से अब तक हमारे पास में जो भी आवेदन त्रुटि सुधार के लिए आए हैं उनका निराकरण जिला मुख्यालयों पर ही हो सके। इसके लिए प्रत्येक जिले में जिला विद्यालय निरीक्षक के दफ्तर पर ही 12 जून से माह के आखिरी दिन तक कैम्प लगाकर वृहद स्तर पर पढाई के दस्तावेजों में जो भी त्रुटियां हैं उनको सही कराया जाएगा।
जिला मुख्यालयों पर DIOS दफ्तर में लगेंगे विशेष कैम्प
क्षेत्रीय सचिव कमलेश कुमार ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से भी अधिकारियों की एक टीम इस दौरान डीआईओएस के दफ्तर पर रहेगी। उन्होंने बताया कि कई बार माता का नाम पिता का नाम या जन्मतिथि के सम्बंध में बेसिक शिक्षा विभाग की भी आवश्यकता होती है तो उसे भी सुधारा जा सकेगा।
4 मण्डल के 17 जिले हैं मेरठ परिक्षेत्र से जुड़े
बता दें उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के मेरठ के क्षेत्रीय कार्यालय में यूपी के 17 जनपद आते हैं जिनमें मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, बागपत, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, मथुरा, अलीगढ़, हाथरस, कासगंज, शामली आदि शामिल हैं जो कि 4 मंडल से जुड़े हैं।
व्यर्थ की भागदौड़ करते देखा जा सकता है स्टूडेंट और उनके परिजनों को
अक्सर देखा जाता है कि अपने हाई स्कूल इंटरमीडिएट के दस्तावेजों में छात्र छात्रा का नाम, पिता का नाम, माता का नाम, या अन्य किसी त्रुटि के लिए लोग सेंकडों किलोमीटर तक का सफर तय करके क्षेत्रीय कार्यालय पर पहुंचा करते हैं। इतना ही नहीं किसी आगंतुक की समस्या का समाधान एक बार में हो जाए इसकी संभावना भी न कर बराबर होती हैं। तो अब कह सकते हैं कि जो निर्णय लिया गया है इससे निश्चित ही ऐसे लोगों को फायदा होगा जो कि बार बार अपनी समस्या कर समाधान कर लिए यूपी कार्यालयों के दफ्तरों की परिक्रमा न चाहकर भी करते हैं।
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