अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवसः आईआईएमटी के वर्चुअल मंच पर सर्वभाषा कवि सम्मेलन आयोजित
- अनुसूची में दर्ज 22 भाषाओं के कवियों समेत तीन अन्य भाषाओं के 25 कवियों के वर्चुअल संगम ने समां बांधा
मेरठ। आजादी के अमृत महोत्सव में आहूति देने और अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर आईआईएमटी विश्वविद्यालय की ओर से सोमवार को वर्चुअल सर्व भाषा कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। कवि सम्मेलन में भारत के सविधान की अनुसूची में दर्ज 22 भाषाओं के प्रतिनिधि कवियों समेत उत्तर पूर्व की खासी और मिजो भाषा के साथ भारत की संपर्क भाषा बन चुकी अंग्रेजी के कवियों ने भी समां बांधा। कवि सम्मेलन में अधिकतर साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित कवि और कवयित्रियों को आमंत्रित किया गया। हिंदी के जानेमाने अंतरराष्ट्रीय कवि लक्ष्मी शंकर वाजपेयी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। संचालन आईआईएमटी बायो टेक्नालाॅजी की डाॅ शुभा द्विवेदी कार्यक्रम का संचालन किया।
कोंकणी के परेश नरेंद्र कामत, बोडो की अंजू बस्मतारी, सिंधी की बीना सिंघी, मलयालम के संतोष एलएक्स, संथाली की सारो हंसदा समेत अन्य कवि साहित्य अकादमी से पुरस्कृत कवियों ने अपनी मधुर आवाज और सुन्दर कविताओं से सम्मेलन में चार चांद लगा दिए।
हरिद्वार के उत्तराखंड संस्कृत विश्व विद्यालय के प्रोफेसर और संस्कृत कवि डाॅ शैलेश कुमार तिवारी, महाराष्ट्र के सिंधु दुर्ग से मराठी कवयित्री डाॅ अनुज जोशी, अमृतसर के पंजाबी कवि डाॅ गुरिंदर गिल, गोवा से कोंकणी भाषा के साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त कवि परेश नरेंद्र कामत, कोच्ची केरल से मलयालम और हिंदी दोनों भाषाओं पर अधिकार रखने वाले सुप्रसिद्ध कवि डाॅ संतोष एलैक्स, हैदराबाद से तेलुगु की वरिष्ठ कवयित्री मंगला मक्कापति, बाराबंकी के उर्दू के शायर शोएब अनवर, बैंगलोर से कन्नड़ कवयित्री डाॅ निर्मला यलिगर, चेन्नई से तमिल कवयित्री डाॅ आर इंदिरा बाई, यूएसए में रह रहे गुजराती कवि वसंत जोशी, कोलकाता के बांग्ला भाषा के वरिष्ठ कवि सैय्यद कौसर जमाल, गुवाहाटी से असमिया भाषा के वरिष्ठ कवि अनुभव तुलसी, नई दिल्ली से हिंदी के सुप्रसिद्ध और अंतरराष्ट्रीय कवि लक्ष्मी शंकर वाजपेयी, दरभंगा बिहार से मैथिली कवयित्री संस्कृति मिश्र, कोकराझार असम से बोडो की वरिष्ठ कवयित्री तथा साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त डाॅ अंजु बसुमतारी, नई दिल्ली से सिंधी की सुप्रसिद्ध कवयित्री वीना श्रृंगी, श्रीनगर से कश्मीरी भाषा की कवयित्री और गायिका परवीन आजाद, जम्मू से डोगरी की वरिष्ठ कवयित्री विजया ठाकुर, पुरी ओडिशा से उड़िया और हिंदी के सशक्त हस्ताक्षर मानस रंजन महापात्रा, इंफाल से मणिपुरी के वरिष्ठ कवि डाॅ एस. लेन्चैम्बा, जमशेदपुर से संथाली भाषा में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित कवयित्री डाॅ सारो हंसदा प्रमुख हैं। इनके अलावा शिलांग से खासी की वरिष्ठ कवयित्री प्रोफेसर स्ट्रीमलेट दखार, मिजो भाषा की युवा कवयित्री और अंग्रेजी शोधार्थी डेब्बी लालरिनावमी तथा देहरादून से अंग्रेजी की नवोदित कवयित्री रति अग्निहोत्री ने भी प्रतिभाग किया।
कुलाधिपति श्री योगेश मोहनजी गुप्ता, कुलपति डाॅ. दीपा शर्मा, प्रति कुलपति डाॅ. सतीश कुमार, प्रति कुलपति डाॅ. एससी पांडे, कुलसचिव डाॅ. वीपी राकेश ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए ऐसे कवि सम्मेलनों को भाषाओं की समृद्धि के लिए आवश्यक बताया। आईआईएमटी विश्वविद्यालय के सभी विभागों के डीन, विभागाध्यक्ष, शिक्षक एवं विद्यार्थियों ने इस आॅन लाइन कवि सम्मेलन का लुत्फ उठाया। जनसंचार, फिल्म एवं टेलीविजन स्टडीज विभाग के डीन डाॅ सुभाष चंद्र थलेड़ी और विभागाध्यक्ष विशाल शर्मा ने कवि सम्मेलन के लिए समय निकालने के लिए देश के इतने दिग्गज कवियों और श्रोताओं का आभार जताया।
शिक्षा विभाग ने मनाया अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस
मेरठ। आईआईएमटी विश्वविद्यालय मेरठ की शिक्षा विभाग में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया गया जिसमें बीएड, एमएड एवं शोध छात्रों ने कविता भाषण के माध्यम से मातृभाषा की महत्ता बताई। इन छात्र-छात्राओं ने अपने अभिव्यक्ति के माध्यम से यह बताया कि भारतवर्ष बहु भाषाई बहुसंस्कृति एवं परंपराओं का देश है।, उसके बाद भी अनेकता में एकता है। भाषा की सुंदरता व्यक्ति के व्यक्तित्व को बदल डालती है। मातृभाषा की सहजता, सरलता, बोलचाल अथवा शिक्षा के माध्यम के लिए एक टाॅनिक के समान है जो कि दिमाग के माध्यम से दिल में उतर जाती है। इसीलिए, राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी आरंभिक शिक्षा को मातृभाषा में दिए जाने की पैरवी की गई है। संकाय अध्यक्ष डाॅ मंजू गुप्ता ने बहु भाषाई शिक्षा में टेक्नोलाॅजी के प्रयोग को बहुत उपयोगी बताया है। उन्होंने बताया कि उच्च शिक्षा में भी टेक्नोलाॅजी के माध्यम से स्वयं पोर्टल पर विभिन्न कोर्स आठ आठ भाषाओं में अनुवाद किया जा रहा है ताकि विद्यार्थी अपनी मातृभाषा में उच्च शिक्षा को भी ग्रहण कर सकें। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती अलका सिंह ने किया। इस अवसर पर मेघा रानी एवं अंजलि ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। सपना शर्मा एवं छाया गुप्ता ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। चिंटू कुमार, सीमा सेठी एवं अभिषेक कुमार ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इस अवसर पर कुलाधिपति महोदय योगेश मोहन गुप्ता जी एवं प्रबंध निदेशक श्री मयंक अग्रवाल ने सभी प्रतिभागियों को बधाई दी।
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