मेरठ। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी चाइनीज मांझे की बिक्री को रोकने के लिए तमाम तरह के दावे करते रहे। मगर बसंत पंचमी पर चाइनीज मांझे के सहारे उड़ी पतंगों ने अधिकारियों के इन दावों की पोल खोल कर रख दी। शहर में जाल की तरह फैला यह चाइनीज मांझा अब इंसानों और पक्षियों की जान का दुश्मन बन गया है। शनिवार को मेरठ कचहरी के पास नाले में चाइनीज मांझे में फंसकर मोर घायल हो गया। फायर बिग्रेड के कर्मचारियों ने कड़ी मशक्कत के बाद मोर की जान बचाई।
दरअसल शनिवार की दोपहर कचहरी से बेगमपुल की तरफ जाने वाले आबू नाले में क्षेत्रीय व्यापारियों ने एक मोर को चाइनीज मांझे में फंसा देखा। जिसके बाद पहले तो व्यापारी मोर को खुद बचाने की कोशिश करते रहे। लेकिन जब सफलता नहीं मिली तो मामले की जानकारी पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची डायल 112 और फायर ब्रिगेड की टीम ने घंटों तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाते हुए मोर को चाइनीज मांझे की चपेट से बाहर निकाला। बताया जाता है हादसे में मोर के पंख जख्मी हो गए। जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया। उधर, क्षेत्रीय व्यापारियों ने चाइनीज मांझे से होने वाली घटनाओं पर रोष प्रकट किया है। मोर को वन विभाग केा सौप दिया गया है। सवाल उठता है देश के प्रधान मंत्री चीन समान का बहिष्कार करने के लिये लोगों से अपील कर रहे है। इसके बाद भी चाईनीज मांझा कौन  से रास्ते से देश में पहुंच रहा है। अभी बाजारों में चाईना के सामान की भरमार है।

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