प्रदेश के 37 जिलों में दो चरणों में होगा टीकाकरण
अभियान के तहत टीकाकरण से छूटे बच्चे और गर्भवती होंगी प्रतिरक्षित
बुलंदशहर। कोरोना काल के बाद स्वास्थ्य विभाग धीरे-धीरे योजनाओं को पटरी पर लाने के प्रयास में जुटा है। जनपद में करीब 10 महीने के बाद 23 फरवरी से सघन मिशन इंद्रधनुष 3.0 (आईएमआई-3.0) शुभारंभ से शुरू होगा। नियमित टीकाकरण के दौरान टीके से वंचित रह गए दो वर्ष तक के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को इस विशेष अभियान में निशुल्क टीके लगाए जाएंगे। यह अभियान बुलंदशहर समेत प्रदेश के 37 जनपदों में दो चरणों में चलाया जाएगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तर प्रदेश की मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने इस संबंध में बुलंदशहर समेत सभी संबंधित जनपदों के जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के अलावा जिला प्रतिरक्षण अधिकारियों को पत्र भेजा है। पत्र के साथ भारत सरकार की गाइड लाइन और टीकाकरण के लिए निर्धारित की गई तिथियों की जानकारी के साथ यह निर्देश दिए गए हैं कि टीकाकरण से पहले आशा और एएनएम को प्रशिक्षण देने के साथ उनका संवेदीकरण किया जाए। माइक्रो प्लान तैयार करने के लिए आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर सर्वे करेंगी।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. सुष्पेंद्र कुमार ने बताया बुलंदशहर समेत प्रदेश के 37 जनपदों में सघन मिशन इंद्रधनुष-3.0 (आईएमआई-3.0) अभियान चलाने के निर्देश दिए गये हैं। टीकाकरण कवरेज बढ़ाने के लिए इन जनपदों में अभियान दो चरणों में चलाया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मिशन इंद्राधनुष टीकाकरण को सफल बनाने के लिए तैयारियों में जुटे हैं।
भारत सरकार की ओर से अभियान के अंतर्गत कोविड-19 संक्रमण के दौरान लॉकडाउन एवं अन्य कारणों से टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों का टीकाकरण करने के निर्देश दिए गए हैं। नियमित टीकाकरण के साथ मिशन इन्द्रधनुष-3.0 के जरिए टीकाकरण कवरेज को बढ़ाकर 90 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है। आईएमई-3.0 के लिए शासन से गाइड लाइन प्राप्त हो गई है। शासन से मिली गाइडलाइन के मुताबिक प्रथम चरण में 23 फरवरी के अलावा एक और दो मार्च को टीकाकरण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जनपद में आईएमआई-3.0 का द्वितीय चरण 23 मार्च, पांच व छह अप्रैल को चलाया जाएगा।
डा. सुष्पेंद्र ने बताया जिला स्तर पर छह फरवरी को संवेदीकरण कराया जा चुका है। जनपद में 11 से 16 फरवरी तक आशा कार्यकर्ताओं द्वारा हेड काउंट सर्वे कराया जाएगा। जिसके अनुसार जनपद में लाभार्थियों की सूची तैयार की जाएगी। जिसके उपरांत 17 से 19 फरवरी तक माइक्रो प्लान तैयार किया जाएगा। माइक्रो प्लान और लाभार्थियों की सूची की समीक्षा 20 फरवरी को राज्य स्तर पर की जाएगी।
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क्या है सघन मिशन इंद्रधनुष :-
सघन मिशन इंद्रधनुष आईएमआई की शुरुआत भारत सरकार की ओर से 2017 में की गई थी। यह दो वर्ष से छोटे बच्चों और उन गर्भवती के लिए है जो नियमित टीकाकरण के दौरान छूट जाती हैं। इस अभियान का नाम इंद्रधनुष इसलिए रखा गया है। क्योंकि अभियान के दौरान सात बीमारियों से प्रतिरक्षित करने के लिए टीके लगाए जाते हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह टीकाकरण निशुल्क किया जाता है। 2017 में चलाए गए मिशन इंद्रधनुष को आईएमआई 1.0 और 2019 में चलाए गए मिशन इंद्रधनुष अभियान को आईएमआई.2.0 नाम दिया गया था।
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इनका होगा टीकाकरण
सघन मिशन इंद्रधनुष अभियान में शून्य से दो वर्ष तक के बच्चों को बीसीजी, ओपीवी, पेंटावेलेंट, रोटा वैक्सीन, आईपीवी, मीजल्स, विटाविन-ए, डीपीटी बूस्टर डोज, मीजल्स बूस्टर डोज और बूस्टर ओपीवी के टीके लगाए जाएंगे। इसके अलावा अभियान में गर्भवती महिलाओं को टिटनेस का टीका भी लगाया जाएगा।
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