डाक्टर-कर्मचारियों का विवरण नहीं देने वाले अस्पतालों और नर्सिग होम का नहीं होगा नवीनीकरण  


मेरठ। कोविड-19 के टीकाकरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग पिछले एक पखवाड़े से काफी सक्रिय है। पहले चरण में सभी स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन दी जाएगी। इसकी तैयारियां कर ली गई है। इसमें सरकारी के साथ ही निजी अस्पतालों, नर्सिंग होम, पैथालॉजी, डायग्नोस्टिक सेंटर के कर्मी व डॉक्टर भी शामिल किए जाएंगे। प्रत्येक स्वास्थ्यकर्मी को वैक्सीन मिले इसके लिए शासन ने सभी की सूची मांगी है। अब तक कई संस्थाओं ने कर्मियों का विवरण स्वास्थ्य विभाग को नहीं भेजा है। इस पर शासन ने नाराजगी जताई है। अब उदासीनता बरतने वाले अस्पताल संचालकों के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अखिलेश मोहन ने बताया कि 31 दिसंबर तक जिन संस्थाओं से कर्मियों व डॉक्टरों का विवरण नहीं प्राप्त होगा उनके लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं किया जाएगा। प्रत्येक संस्थान के लाइसेंस के रद्द करने की भी प्रक्रिया शुरू की जाएगी। सूचना न देने वाले संस्थानों को कई बार नोटिस भी भेजा जा चुका है फिर भी उदासीनता बरती जा रही है। इसे लेकर शासन स्तर पर नाराजगी जताई गई है। 31 दिसंबर से पहले सभी संस्थानों को निर्धारित प्रारूप पर अपना विवरण भेजना है। जो लोग सूचना नहीं दे रहे हैं, उनके लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। 
आखिर क्यों नहीं दे रहे सूची ?
सरकार की मंशा है कोरोना की वैक्सीन सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों को लगाई जाए। क्योंकि वह सीधे मरीजों के संपर्क में रहते हैं इसलिए उन्हें संक्रमित होने का खतरा ज्यादा होता है, लेकिन कुछ स्वास्थ्यकर्मी यह वैक्सीन नहीं लगवाना चाहते हैं। नाम न छापने की शर्त पर एक अस्पताल संचालक ने बताया कि वैक्सीन नई है इसलिए स्वास्थ्यकर्मी इसे लगवाने से कतरा रहे हैं।


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