उर्जा संरक्षण-जल संरक्षण एवं पर्यावरण संरक्षण विषय पर एकदिवसीय सेमीनार एवं लघु नाटिका का मंचन

उर्जा संरक्षण एवं जल संरक्षण के बल पन देश बनेगा विश्वगुरू - डॉ सुधीर गिरि


मेरठ। दिल्ली रूडकी बाईपास स्थित वैंक्टेश्वरा संस्थान में सोमवार को राष्ट्रीय उर्जा संरक्षण दिवस पर एक दिवसीय सेमीनार का आयोजन किया गया, जिसमें वक्ताओं ने एक सुर में कहा कि यदि देश को आर्थिक महाशक्ति एवं पूर्णरूप से आत्म निर्भर बनाना है, तो हमें उर्जा उत्पादन के साथ-साथ उर्जा संरक्षण की दिशा में लगातार काम करना होगा। इस अवसर पर इन्जीनियरिंग के छात्र-छात्राओं ने उर्जा है,-जल है, तभी तो बेहतर कल है विषय पर लघुनाटिका प्रस्तुत कर उर्जा सरंक्षण का संदेश दिया।
राष्ट्रीय उर्जा संरक्षण दिवस पर आयोजित कार्यक्रम का शुभारम्भ समूह चेयरमैन डॉ सुधीर गिरि, प्रतिकुलाधिपति डॉ राजीव त्यागी ने मॉं सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्जवलित करके किया।
अपने सम्बोधन में समूह चेयरमैन डा सुधीर गिरि ने कहा कि यदि भारत को आर्थिक महाशक्ति एवं पूर्णरूप से आत्मनिर्भर बनाना है तो हमें एनर्जी सेव ईज एनर्जी एर्न के सिद्वान्त पर कार्य करके उर्जा को बचाना होगा। मुख्य वक्ता राष्ट्रीय सौर उर्जा संरक्षण के पूर्व निदेशक डा बीएन सिंह ने कहा कि उर्जा संरक्षण, जल संरक्षण एवं पर्यावरण संरक्षण के द्वारा उर्जा के प्राकृतिक सोत्र, एवं सौर उर्जा के उपयोग से देश हर दिन आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर है।
प्रतिकुलाधिपति डॉ राजीव त्यागी ने कहा कि साउथ अफ्रीका समेत कई अफ्रीकन एवं यूरोपियन देशों में आज जल संकट एवं उर्जा संकट पैदा हो गया है। यदि हम समय रहते नही चेते तो दो दशक बाद हमारे देश में भी हालात भयावह होगें। उन्होने उपस्थित स्टाफ एवं छात्र-छात्राओं को उर्जा संरक्षण, जल संरक्षण एवं पर्यावरण संरक्षण की शपथ भी दिलायी।कार्यक्रम को सीईओ डॉ डीएनराव, परिसर निदेशक डा प्रभात श्रीवास्तव एवं रजिस्ट्रार अशुतोष दीक्षित ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर उपनिदेशक दूरस्थ शिक्षा डॉ अलका सिंह, डा सुन्दर सिंह, दीपक कुमार, ब्रजपाल सिंह, विश्वास त्यागी, राहुल हाण्डा, रविन्द्रनाथ यादव एवं मीडिया प्रभारी विश्वास राणा आदि लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन उपनिदेशक दूरस्थ शिक्षा डॉ अलका सिंह ने किया।


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