मुजप्फरनगर, 29 दिसम्बर 2020। राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत जिला मानसिक स्वास्थ्य इकाई द्वारा जिले के कूकड़ा ब्लॉक के एएनएमटीसी सभागार में मंगलवार को कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। सहारनपुर से आये जिला मानसिक स्वास्थ्य इकाई के डिस्ट्रिक्ट कंसलटेंट मुदस्सर अली तथा साइकेट्रिक सोशल वर्कर (पीएसडब्ल्यू) डा. मनोज कुमार ने प्रशिक्षण दिया। मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. एस. के अग्रवाल ने तम्बाकू के सेवन से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में अवगत कराया। उन्होंने बताया समाज में तम्बाकू का सेवन पुरुषों के साथ महिलाओं द्वारा भी बहुत अधिक मात्रा में किया जा रहा है। इसके परिणाम बहुत ही गम्भीर हैं, तम्बाकू का धुआं लोगों के लिए हानिकारक है। उन्होंने बताया कि तंबाकू नियंत्रण कानून (कोटपा) 2003 के तहत सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करने, खुलेआम तंबाकू से संबंधित सामग्री बेचने पर कार्रवाई की जाती है। इसके तहत 200 रुपए से 10,000 रुपए तक जुर्माना और पांच साल की कैद सजा तक का प्रावधान है। डिस्ट्रिक्ट कंसलटेंट मुदस्सर अली तथा जिला मानसिक स्वास्थ्य इकाई के पीएसडब्ल्यू डॉ.मनोज कुमार ने कहा कि जिले में सभी कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसरों को स्कूल कालेज और सार्वजनिक स्थलों पर दीवार लेखन, स्लोगन के माध्यम से छात्र-छात्राओं तथा शिक्षक-शिक्षिकाओं को तंबाकू सेवन से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करना होगा। साथ ही कोटपा अधिनियम 2003 की विभिन्न धाराओं के बारे में विस्तृत जानकारी देनी होगी। उन्होंने कहा कि जिले में कोरोना के कारण कक्षा संचालन बाधित है, ऐसे में दीवार लेखन तथा पोस्टर के माध्यम से जागरूक किया जाए। कक्षा संचालन होने के उपरांत स्कूलों में जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कोटपा अधिनियम 2003 की धारा चार के अंतर्गत सभी सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान को प्रतिबंधित किया गया है। दोषी व्यक्ति पर 200 रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। इसलिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसके प्रति जागरूक करना जरूरी है। कार्यशाला में जिला मानसिक स्वास्थ्य इकाई के पीएसडब्ल्यू डॉ.मनोज कुमार, मानसिक स्वास्थ्य इकाई के डिस्ट्रिक्ट कंसलटेंट मुदस्सर अली, नर्स, कपिल अत्रेय मौजूद रहे।
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