अब यूटीआई-आईटीएसएल बनाएगी गोल्डन कार्ड


नोएडा, । प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) के लाभार्थियों को योजना का लाभ सुगमता से मिले इसके लिए शासन ने गोल्डन कार्ड बनाने का काम यूटीआई-आईटीएसएल (यूटीआई-इंफ्रास्ट्रक्चर टेक्नोलॉजी एंड सर्विसेस लिमिटेडको सौंपने का निर्णय लिया है। नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (एनएचएसे प्राप्त डाटा (ब्योराके अनुसार यूटीआई-आईटीएसएल गोल्डन कार्ड बनाएगी। यह जानकारी योजना के डिस्ट्रिक्ट को-आर्डिनेटर डाअजय कुमार ने दी।
डाअजय ने बताया सरकार योजना का लाभ शत-प्रतिशत लाभार्थियों को दिलाना चाहती हैइसके लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। कोई भी लाभार्थी योजना का लाभ लेने से वंचित न रहे, इसी कड़ी में यह प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया अभी तक गोल्डन कार्ड बनाने का काम सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) द्वारा किया जाता थाअब यह काम यूटीआई-आईटीएसएल को भी सौंप दिया गया है। नेशनल हेल्थ अथॉरिटी द्वारा उपलब्ध कराए गये ब्योरे के आधार पर यूटीआई-आईटीएसएल कार्ड बनाएगी। इसके लिए कंपनी द्वारा जगह-जगह कियास्क  स्थापित किये जाएंगे। गोल्डन कार्ड बनाने में कोई त्रुटि न हो इसके लिए वह अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षण देगी। डाटा सुरक्षित रखने का जिम्मा भी कंपनी का ही होगा। बीआईएस (बेनिफिशियरी आइडेंटटिफिकेशन सिस्टमसे ही गोल्डन कार्ड बनाए जाएंगे। उन्होंने बताया सीएचसी द्वारा गोल्डन कार्ड बनाए जाने का काम जारी रहेगा।
कार्ड बनवाने के लिए देने होंगे 30 रुपये
 जिस प्रक्रिया से कॉमन सर्विस सेंटर द्वारा कार्ड बनाये जाते थे उसी प्रक्रिया से यूटीआई-आईटीएसएल भी गोल्डन कार्ड बनाएगी। लाभार्थी प्रति कार्ड 30 रुपये का शुल्क (सीएससी को) देकर गोल्डन कार्ड बनवा सकेंगे।
 गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए आवश्यक दस्तावेज
गोल्डन कार्ड बनवाने के लिये लाभार्थियों के पास राशन कार्ड, आधार कार्ड,  वोटर आईडी कार्ड, प्रधानमंत्री अथवा मुख्यमंत्री का मूल पत्र (अगर प्राप्त हुआ है तो) होना जरूरी है।
पांच लाख रुपये तक के निशुल्क इलाज की सुविधा
 आयुष्मान भारत योजना के तहत इस कार्ड के बन जाने से लाभार्थी परिवार को पांच लाख रुपये तक का निशुल्क इलाज मिल सकता है। इसके तहत सैकड़ों बीमारियाँ कवर की जाती हैं। जनपद गौतमबुद्ध नगर में अब तक 8000 लोगों को इसके जरिये मुफ्त इलाज मिल चुका है। जनपद में 35000 लाभार्थी परिवार हैं जबकि कुल लाभार्थी 179000 हैं। योजना के अंतर्गत आठ सरकारी और 36 निजी अस्पताल संबद्ध हैं। 


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