तीन एल-1 अस्पतालों को किया गया तैयार
- बाजारों में लगाई जाएंगी कोरोना हेल्प डेस्क
- व्यापारिक और सामाजिक संगठन भी करेंगे जागरूक
गाजियाबाद। दिल्ली में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के फैलाव को देखते हुए गाजियाबाद में भी प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग व्यापक तैयारियां करने में जुट गया है। अधिकारियों का मानना है कि जिले में रहने वाले लाखों लोग दिल्ली में नौकरी या कारोबार करते हैं, ऐसे में उनके संक्रमित होने की आशंका है और उनके जरिए जिले में अन्य लोगों में भी संक्रमण फैल सकता है। अधिकारियों का मानना है कि हो सकता है कि जिले में एकाएक संक्रमण का फैलाव बढ़े। इसके लिए व्यापक स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं। इनमें एल-१ अस्पतालों को दोबारा से शुरू करने से लेकर कोरोना हेल्प डेस्क बढ़ाए जाने के भी प्रयास किए जा रहे हैं।
कोविड अस्पतालों को फिर से शुरू करने की योजना :
दिल्ली में लगातार बढ़े संक्रमण के मामलों को देखते हुए जिले में एल-१ अस्पतालों को फिर से शुरू करने की तैयारियां की जा रही हैं। जिले में तीन कॉलेजों में बनाए गए एल-1 अस्पतालों को बंद कर दिया गया था। उन्हें फिर से स्टैंडबाय पर रखा गया है। स्वास्थ्य अधिकारी के अनुसार दिव्य ज्योति आयुर्वेदिक अस्पताल में 250 बेड का एल-1 अस्पताल बनाया गया था, जिसे बंद कर दिया गया था। उसे फिर से पूरी तरह से तैयार कर लिया गया है। जरूरत पड़ते ही वहां मरीजों को भर्ती किया जा सकता है। इसके अलावा एसआरएम यूनिवर्सिटी में बनाए गए 350 बेड के एल-1 अस्पताल को भी फिर से शुरू करने के लिए तैयार कर लिया गया है। आईएमएस इंस्टीट्यूट में बनाए गए क्वेरंटीन सेंटर को भी बतौर एल-1 अस्पताल स्टैंडबाय पर रखा गया है, जिससे जरूरत पड़ने पर वहां भी मरीजों को भर्ती किया जा सके।
हेल्प डेस्क बढ़ाई जाएंगी :
जिले में फिलहाल सरकारी स्तर पर 308 कोरोना हेल्प डेस्क संचालित हैं। इनमें से 74 हेल्प डेस्क विभिन्न सरकारी अस्पतालों और हेल्थ सेंटर पर चल रही हैं। बाकी हेल्प डेस्क प्रशासन के विभिन्न विभागों में संचालित हैं। इनके अलावा अब जिले के प्रमुख बाजारों और मॉल्स में हेल्प डेस्क बनाने के निर्देश दिए गए हैं। यह हेल्प डेस्क व्यापारी संगठनों की ओर से बनाई जानी हैं। जिससे त्योहारी सीजन और सर्दियों में शॉपिंग करने वाले लोग अपने ऑक्सीजन सेचुरेशन और फीवर की जांच करवा सकें। इसके साथ ही प्रमुख बाजारों में कोरोना जांच के लिए बूथ लगाने की भी योजना है।
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