मेरठ के बाद आगरा में 5.9 लाख के नकली नोटों के साथ धरे गये दो सौदागर
आगरा। वेस्ट यूपी जाली नोटों का बड़ा हब बनता जा रहा है। मेरठ के बाद आगरा में नकली नोटों की अंतर्राष्ट्रीय तस्करी करने वाले गिरोह का एटीएस ने खुलासा किया है। एटीएस ने आगरा से दो युवकों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 5,97,000 रुपये के नकली नोट बरामद हुए हैं। एक बुलंदशहर का रहने वाला तहसीन खान और दूसरा दिल्ली का रहने वाला मोहम्मद वसीम है। वसीम बिहार का मूल निवासी है।यह सभी जाली नोट 500 रुपये के थे।
एटीएस एडीजी डी के ठाकु र ने बताया कि आगरा से गिरफ्तार लोग बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल के मालदा के रास्ते नकली नोट लाकर एनसीआर और पश्चिमी यूपी में तस्करी करते हैं। उन्होंने बताया कि बंगाल में जो नकली नोट तैयार किए जा रहे हैं। वह बहुत ही उच्च गुणवत्ता की है। ऐसे नोटों की एक बार में पहचान कर पाना मुश्किल होता है। इन लोगों के पास से एक कार, 6 मोबाइल, आधार कार्ड, वोटर कार्ड, डीएल और डेबिट कार्ड बरामद किया है। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों को न्यायालय में पेश कर पुलिस कस्टडी रिमांड ली जाएगी ताकि पूरे नेटवर्क को खंगाला जा सके।
यह पहला मौका नहीं है जब आगरा से नकली नोटों के तस्कर पकड़े गए हैं। एत्माद्दौला से फरवरी 2017 में नकली नोटों की तस्कर फातिमा उर्फ लीची को नकली नोटों की तस्करी के जुर्म में गिरफ्तार किया गया था। वह मूल रूप से बांग्लादेश की निवासी है। उसे एनआईए ने पकड़ा था। उसके पास भी नकली नोट मालदा से आता था। उसी के गिरोह के इस्लाम को 18 जनवरी 2016 को पश्चिमी बंगाल के मालदा जिले के कालिया चौक से पकड़ा गया था। फातिमा ने पूछताछ में बताया था कि रैकेट में 20 लोग हैं।
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