25 अक्टूबर तक डाटा उपलब्ध कराया जाना था 

 

मेरठ । अगले साथ आने वाली कोरोना वैक्सीन के लिये स्वास्थ्व विभाग को प्राइवेट लैब, चिकित्सक,अस्पताल , नर्सिगहोम, व चिक्तिसकों का डाटा एकत्र करना टेढी खीर होता जा रहा है। केन्द्रीय सरकार को 25 अक्टूबर तक डाटा एकत्र कर देना था।इसके लिये बकायदा वर्कशॉप भी आयोजित की गयी। लेकिन इसके बाद भी अभी तक मात्र 15 प्रतिशत चिकित्सको का डाटा एकत्र हो पाया है। 
 बता दें सीएमओ कार्यालय में 3400 चिकित्सक रजिस्टर्ड है। जिसमें चिकित्सक , अस्पताल, नर्सिग होम, पैथलॉजी लैब, शाामिल है। दरअसल फरवरी 2021 में कोरोना वैक्सीन आनी है। कोरोना वैक्सीन सबसे पहले फ्रंट लाइन वर्करों को दी जानी है। जिसमें सरकारी अस्पताल, वहां तैनात चिकित्क व अन्य स्टॉप शामिल है। इसके अतिरिक्त प्राइवेट हॉस्पिटल, लेैब व चिकित्सक शामिल है। मेरठ में इसके नोडल जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा प्रवीन गौतम को बनाया गया है। कोरोना वैक्सीन के लिये केन्द्रीय सरकार ने सभी का डाटा मांगा है। इसके लिये सीएमओ कार्यालय में बकायदा कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। मेरठ  की सीएचसी, पीएचसी व यूपी एचसी समेत सरकारी चिकित्सकों,आशा वर्कर व एनएनएम ,वार्ड ब्वायंज का डाटा एकत्र कर लिया है। लेकिन प्राइवेट चिकित्सकों ,नर्सिग होम, पैथलॉजी लैब में कार्यरत कर्मचारियों का डाटा टेढी खीर बन गया है। 
 25 अक्टूबर तक डाटा दिया जाना था 
  कोरोना वैक्सीन के लिये 25 अक्टूबर तक डाटा एकत्र किया जाना था। इसके लिये लाला लाजपतराय मेडिकल कालेज में इसके लिये बकायदा आईएमए , नर्सिंग होम संचालक, पैथलॉजी लैब संचालकों को प्रशिक्षण दिया गया था। जिसमें बकायदा बताया गया था कि डाटा में उन्हें क्या- क्या देना है। लेकिन 25 तक डाटा न आने पर इसकी तारीख का बढा कर 28 किया गया है। अब इसे 10 नवम्बर किया जा रहा है। 
 इन्होंने कहा:- 
कोरोना वैक्सीन के लिये बकायदा सरकारी व प्राइवेट चिकित्सकों को कार्यशाला में डाटा देने के लिये बताया जा चुका है। लेकिन इसके बाद भी प्राइवेट चिकित्सक, नर्सिंग होम, व पैथलाजी लैब डाटा नहीं दे रहे है। सभी को फिर से रिमाइंडरभेजा गया है। 
             डा. राजकुमार - मुख्य चिकित्साअधिकारी, मेरठ 

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