मेरठ। फेसबुक व मेसेन्जर पर लडकी बन कर दोस्ती कर उनसे ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड किया है। पुलिस ने तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। जो फेसबुक व मेसेजर पर दोस्ती कर ठगी करते थे। पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी है।
पुलिस लाइन में सम्मेलन कक्ष मेें मीडिया को जानकारी देते हुए एसपी सिटी ने अखिलेश नारायण सिंह ने बताया वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को जनपद में विभिन्न व्यक्तियों द्वारा गोपनीय सूचना दी गयी कि उनके साथ फेसबुक व मैसेन्जर पर अज्ञात व्यक्तियों द्वारा दोस्ती करके उनका व्हाटसअप नम्बर लेकर उस पर लडकी बनकर चैंटिग व विडियो कॉल करके झांसे में फंसा कर अश्लील विडियों व अश्लील चैट बनाकर ब्लेकमेल किया जा रहा था। जिस पर सर्विलान्स सैल टीम कों उक्त गिरोह की गिरफ्तारी व अनावरण हेतु लगाया गया। सर्विलान्स सैल टीम द्वारा उक्त गिरोह की गिरफ्तारी हेतु अथक प्रयास करके उनके विरूद्ध सूचना एकत्र की गयी । थाना सिविल लाइन पुलिस के साथ इस गिरोह के तीन सदस्यों को वैशाली बस अड्डे के पास से गिरफ्तार कर लिया । गिरफ्तार सभी अभियुक्त जिला अलवर,राजस्थान के निवासी है । पकडे गये अभियुक्तों में हनीफ खान पुत्र मुन्शी खान निवासी ग्राम हसनपुर अलवर राजस्थान,कल्लू खान पुत्र फजरू खान निवासी ग्राम चौकी, पिपरौली राजस्थान,मौसम पुत्र जोरमर निवासी ग्राम मिलखेडरा,राजस्थान । जबकि साहिल व रफीक खान दोनो राजस्थान अभी फरार चल रहे है।
ऐसे फंसाते थे अपने जाल में
जिला अलवर से 35 किमी दूर रामगढ थानाक्षेत्र में अरावली पहाडियों के निकट बसे विभिन्न ग्रामों में निवास करने वाले ऐसे युवक जो फेसबुक, व्हाटसअप, ओैएलएक्स के माध्यम से घर बैठे ही देश के सभी राज्यों में लोगों को लड़की की फोटो व विडियो के द्वारा जाल ,हनी ट्रैप में फसां कर अपने पे.टीएम,यूपीआई आईडी में लाखों रूपयें डलवा लेते है और लगातार उनकों विडियों व फोटो का भय दिखाकर धनराशि प्राप्त करते रहते है । ग्राम रामगढ जिला अलवरए राजस्थान का यह गिरोह मुख्य रूप से ऐसे व्यक्तियों को अपना निशाना बनाते है जो किसी धर्म, जाति या व्यवसाय में महत्वपूर्ण स्थान रखते है और फेसबुक अकाउन्ट देखने से उक्त व्यक्ति सामाजिक व आर्थिक रूप से सम्पन्न दिखाई देता है।
लडकी बन कर करते है बात
पहले फेसबुक पर उक्त व्यक्तियों से लड़की बनकर और लड़की का प्रोफाइल फोटो लगाकर फेसबुक मैसेन्जर पर दोस्ती करते है और चैटिंग करते हुये यह गिरोह उन्हें अपना व्हाटसअप नम्बर देकर और उनका व्हाटसअप नम्बर लेकर आपस में विडियों काल व चैटिंग करने लगते है फिर इस गिरोह के सदस्य उस व्यक्ति से अश्लील चैंटिंग एवं अश्लील व नग्न फोटो ग्राफी का आदान प्रदान करने लगते है । इस प्रकार विश्वास होने पर रात्रि यह गिरोह अपने शिकार की नग्न अवस्था में अश्लील विडियों बना लेते है और उसकों उसी व्यक्ति के व्हाटसअप पर भेज कर उससे अपने पे.टीएम-यूपीआई अकाउन्ट में पैसे डालने को कहते है। पैसा न डालने पर उनके फेसबुक अकाउन्ट में शामिल उनके परिवार के सदस्यों, विशिष्ट व्यक्तियों के फेसबुक अकाउन्ट पर उनकी नग्न विडियों डाल कर उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को बदनाम करने का भय दिखा कर उनसे निरन्तर अपने अकाउन्ट में लाखों रूपये डलवा लेते है ।
पूछताछ का विवरण
गिरफ्तार अभियुक्तों ने बताया कि फेसबुक, व्हाटसअप, ओएलएक्स पर धोखाधडी व ब्लेकमेलिंग-हनी ट्रैप करने वाले यह लोग मुख्य रूप से राजस्थान के लक्ष्मणगढ, गोविन्दगढ, रामगढ तहसील क्षेत्र के ग्रामों में निवास करने वाले लोग है जो सम्पूर्ण भारतवर्ष में गुजरात, मुम्बई, महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा आदि राज्यों में निरन्तर इस प्रकार की वारदात कों घर बैठे ही अजांम देते रहते है। इन गिरोह के लोग धोखधडी व ब्लेकमेलिंग का सम्पूर्ण अपराध केवल अपने मोबाइल से ही घर बैठे करते रहते है चूंकि यह गिरोह राजस्थान से बाहर अपनी वारदातों को अजांम देता है इसीलिये स्थानीय पुलिस इनके विषय में नही जान पाती है । यदि किसी राज्य का कोई शिकायतकर्ता अपने राज्य की पुलिस कों अपराध की सूचना देता है या अभियोग पंजीकृत कराता है तो उस राज्य की पुलिस एक बार ही उन्हें तलाश करती है जिनका नाम पता व मोबाइल नम्बर व बैंक अकाउन्ट नम्बर आदि सभी फर्जी पाये जाते है।
टीम बनाकर देते है अपराधों को अंजाम
दूसरे राज्यों की पुलिस दोबारा इनको तलाश नही करती जिसका फायदा उठाकर यह गिरोह निरन्तर वारदातों को अंजाम देता रहता है। यह गिरोह तीन प्रकार की टीम बनाकर अपराध कों अंजाम देते है जिसमें पहली टीम का काम फेसबुक से ऐसे व्यक्तियों को ढूंढना एवं उनके विषय में जानकारी एकत्र करना जिनको आसानी से शिकार बनाया जा सके। उसके बाद लड़की की फोटो लगी फेसबुक अकाउन्ट बनाकर ऐसे लोगों कों अपने जाल में फसाया जाता है। दूसरी टीम में वह सदस्य शामिल होते है जो हनी ट्रेप के शिकार व्यक्ति से पैसा डलवाने के लिये फर्जी रूप से पे.टीएम व यूपीआई आईडीध्बैंक अकाउन्ट उपलब्ध कराते है। तीसरी टीम में इस गिरोह के वह सदस्य शामिल होते है जो अपने आस पास के ग्रामों के लोगों के अकाउन्ट और पे.टीएम का समय समय पर इस्तेमाल करते है जिसके बदले में उनकों कुछ धनराशि प्रदान करते रहते है ।
80 लाख की कर चुके है ठगी
पक डे गये अभियुक्तों से पूछताछ करने पर बताया हनीफ इस गिरोह का सक्रिय सदस्य है जिसने इस प्रकार अपराध में शामिल में होकर लाखों रूपये अर्जित किये है। अभियुक्त के आठ बैंक अकाउन्टों का पता लगा है जिनमें 80 लाख रूपये का लेन देन होना पाया गया है। अभियुक्त के पास एक ट्रक 16 टायर, एक ट्रक 14 टायर व एक ट्रक 10 टायर होने की भी जानकारी प्राप्त हुई है जिसके सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी राजस्थान पुलिस के माध्यम से प्राप्त की जा रही है। इसके अतिरिक्त अभियुक्तों द्वारा जनपद व प्रदेश में किये गये अपराधों के विषय में भी सूचना एकत्र की जा रही है।
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