मेरठ । कोरोना काल में प्राचीन काल  से चल आरही जडी बुटिया लोगों के लिये संजीवनी साबित हो रही है। जो कोरोना से बचाने के लिये लोगों की इम्यूनिटी बढा रही है।   वैसे तो प्राचीन काल से सेहत और सुंदरता के लिए जडी-बूटियों का उपयोग किया जाता रहा है। खासकर भारत में इसका उपयोग सबसे अधिक होता है। भारत के विभिन्न हिस्सों में भिन्न.भिन्न प्रकार के जडी.बूटी पाए जाते हैं। इनमें एक पुनर्नवा है। यह एक आयुर्वेदिक औषधि है, जिसका इस्तेमाल कई तरह की बीमारियों में दवा के रूप में किया जाता है। पुनर्नवा की एक प्राकृतिक खासियत यह है कि इसका पौधा ग्रीष्म ऋतू में सुख जाता है। जबकि बरसात के मौसम में पुन: जीवित हो उठता है। इस गुण की वजह से इसका नाम पुनर्नवा है। भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में इसका उपयोग भोजन में किया जाता है। यह बढ़ती उम्र को रोकने में भी सहायक है। 
सीएमओ कार्यालय में  तैनात डा वेद प्रकाश शर्मा ने बताया  मधुमेह में है फायदेमंद होता हैपुनर्नवा का  पौधा। इसमेंं एंटीडायबिटिक गुण पाया जाता है, जो शरीर में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करता है।  उन्होने बताया डॉक्टर से परामर्श लेकर पुनर्नवा का सेवन कर सकते हैं। इसके लिए आप पुनर्नवा का काढा पी सकते हैं। पूर्वोत्तर भारत में बीमारियों को दूर भगाने के लिए पुनर्नवा का रोजाना सेवन किया जाता है।
एंटी एजिंग होता है
उन्होने बताया इसमें प्राकृतिक और औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो ढलती उम्र को रोकने में सक्षम हैं। भारत के सुदूर प्रांतों में हसीं और जवां दिखने के लिए पुनर्नवा का सेवन किया जाता है। पुनर्नवा एंटी एजिंग औषधि है। इसके लिए रोजाना  एक गिलास पानी में एक या चम्मच पुनर्नवा का रस मिलाकर सेवन करें।
आंखों के लिए फायदेमंद है
बरसात के दिनों में आई इन्फेक्शन का खतरा अधिक रहता है। जबकि पुनर्नवा आई इन्फेक्शन के लिए रामबाण औषधि है।  इसके रस को आंख में डालने से आंखों की समस्या दूर होती है। हालांकि, ऐसा करने से पहले एक बार डॉक्टर की जरूर सलाह लें। इसके बाद ही पुनर्नवा का इस्तेमाल करें।


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