घर पर ही पढ़ी जाएगी ईद की नमाज
.सऊदी अरब में कफ्र्यू देवबंद ने दिया फतवा
.अकेला व्यक्ति भी पढ़ सकता है ईद की नमाज
न्यूज प्रहरी, मेरठ।

इस तरह अदा करें नमाज
बताया कि ईद उल फितर की नमाज वाजिब है। लॉकडाउन के दौरान ईद की नमाज घरों में नहीं पढ़ सकतेए इसलिए कि जो शरई हुक्म नमाजए जुमा में है वही हुक्म ईद उल फितर की नमाज में है। नमाज.ए.ईद वाजिब होने की शर्तों में से एक शर्त ये भी है हुकूमत की जानिब से किसी तरह की कोई बंदिश न होए ऐसी सूरत में ईद की नमाज हम लोगों पर वाजिब ही नहीं है। इसी बिना पर जो शख्स इमाम के साथ ईद की नमाज नहीं अदा नहीं कर सकाए उसके जिम्मे ईद की कजा भी नहीं है। वहीं नमाज ए ईद वाजिब हैए इसलिए इसकी कजा मुमकिन नही है। तो जिन लोगों को नमाज पढऩे की इजाज़त मिले वो लोग ब जमात अदा कर लेए बाकि लोग इसके बदले घरों में चार रकात नमाज ए चाश्त पढ़ ले तो बेहतर है। ये उनकी नफिल नमाज होगी। ये नमाजे ईद नहीं और न उसे ईद की कजा समझे।
गरीबों की करें मदद
आगे कहा कि इस बीमारी की वजह से पूरी दुनिया में लाखों लोग मर गए। कितने ही लोग मौत और जिंदगी से जूझ रहे है। करोड़ों लोगों के सामने दो वक्त की रोटी जुटाना मुश्किल हो रहा हैए ऐसे में हमें ईद की खुशियां मनाना कैसे गवारा होगा। ईद उल फितर मुहब्बत का पैगाम देता है। ईद पर खरीददारी की जगह उस रकम से आर्थिकए मालीए तंगी के शिकार गरीबए रिश्तेदारए दोस्तए बेसहारोंए बेवाओं और अपने यहां काम करने वालो की मदद कर दें। नए.नए कपड़े पहनने से परहेज करें। जब ईद की वाजिब नमाज अदा नहीं तो फिर ईद की खुशियां कैसी।
घर पर ईद की नमाज पढऩा मुनासिब काम
गौरतलब है कि गत दिनों सऊदी अरब के मुफ्ती आजम और सऊदी साइंटिफिक एंड रिसर्च काउंसिल के प्रमुख अब्दुल अजीज अल शेख ने कहा था कि इस तरह की परिस्थिति में घर पर ईद की नमाज पढऩा मुनासिब काम है। ईद की नमाज घर पर पढ़ी जा सकती है। नमाज अकेले और जमात के साथ दोनों तरह से पढ़ी जा सकती है और ऐसी स्थिति में तो लोगों को अकेले ही नमाज पढऩी चाहिए। मुफ्ती आजम ने सऊदी नागरिकों से घर पर ईद की नमाज अदा करने का आग्रह किया था। ऐसे माहौल में माता.पिता को अपना अधिकांश समय अपने बच्चों के साथ घर पर बिताना चाहिए।
ईद पर न पहने नए कपड़े
सैफी संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष हसीन अहमद सैफी ने अपील करते हुए कहा कि इस ईद नए कपड़े न खरीदें। पहले के साफ लिबास ही पहनें। बिना जरुरत खरीदारी के लिए बाजारों में भीड़ न लगाएं। ईद की नमाज भी घरों पर ही पढ़े। मस्जिद या ईदगाह में न जाए। अपने घर वालों के साथ ही खुशियां मनाए। सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखे। साथ ही सरकार की जारी गाइडलाइन का भी पूरा ध्यान रखा जाए। कहा कि अपने रिश्तेदारोंए दोस्तों और पड़ोसियों को फोन पर ही मुबारकबाद दें। गले मिलना और मुसाफा करने से पूरी तरह परहेज करें। किसी को घर ना बुलाएं और खुद भी किसी के घर जाने से पूरी तरीके से बचे। इस ईद नए कपड़े न खरीद कर गरीब, कमजोर व जरुरतमंद लोगों की भरपूर मदद करें।
ऋ9
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