पांच व सात साल की बच्चियों ने दी कोरोना को मात
 माता.पिता के क्वेरेंटाइन होने के कारण बच्चियों को चाचा के घर भेजा
न्यूज प्रहरी, मेरठ। लाला लाजपतराय मेडिकल कालेज में अपनी दादी के साथ भर्ती जैदी फार्म की पांच व सात साल की दो बच्चियों ने कोरोना वायरस को मात दी है। ठीक होने के बाद मेडिकल कालेज से दोनों को उनके चाचा की देखरेख में भेज दिया गया है। दोबारा कोरोना की पॉजिटिव रिपोर्ट आने की वजह से दादी अभी अस्पताल में ही भर्ती है।
 मेडिकल कालेज के कोविड.वार्ड के नोडल अधिकारी तुंग वीर सिंह आर्य ने बताया दोनों बच्चियां कोविड.19 पॉजिटिव वार्ड में अपनी दादी के साथ भर्ती थी। दोनों बच्चियों की रिपोर्ट अब निगेटिव आयी है। जबकि दादी की रिपोर्ट अभी पॉजिटिव ही है। उन्होंने बताया आमतौर पर कम उम्र के बच्चों में कोविड-19 इंफेक्शन ज्यादा घातक होता है किंतु यहां पर इन दोनों बच्चियों की रिकवरी जल्दी हुई है। यह बहुत अच्छी बात है। दोनों बच्चियों के माता पिता तथा परिवार के 14 अन्य सदस्य अभी संस्थागत क्वेरेंटाइन में हैं। इसलिये इन दोनों को उनके चाचा जावेद को सौंप दिया गया है। अभी उनका परिवार घर में इन दोनों की देखभाल करेगा। ये पहला मामला नहीं हैए जब बच्चों को परिजनों को सौंपा गया है। इससे पहले रजबन में कोरोना पॉजिटिव महिला के नवजात बच्चे को भी परिजनों को सैांपा गया था। बच्चे की रिपोर्ट निगेटिव थी। इसी तरह गाजियाबाद डासना निवासी एक कोरोना वायरस पॉजिटिव महिला ने बच्चे को जन्म दिया थाए नवजात की रिपोर्ट निगेटिव आने पर उसे परिजनों को सौंप दिया था।

  भारतीय लोगों की रोग प्रतिरोधा क्षमता ज्यादा मजबूत

  डा तुंग वीर सिंह आर्य का कहना है कि भारतीयों की रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक मजबूत है। इसी वजह से अन्य देशों की अपेक्षा कोरोना का संक्रमण इतना ज्यादा नहीं फैला है। उन्होंने कहा इसका कारण रहन.सहन, खानपान व अधिक शारीरिक श्रम है। इसके कारण भारतीयों की रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा मजबूत होती है।




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