डॉक्टर के घर  फरीदाबाद में 350 KG अमोनियम नाइट्रेट बरामद

 AK-56 और 2 ऑटोमैटिक पिस्टल भी मिलीं

नयी दिल्ली।कश्मीर पुलिस ने फरीदाबाद के धौज इलाके में एक डॉक्टर के आवास पर छापा मारा, जहां से करीब 350 किलो अमोनियम नाइट्रेट बरामद हुआ है। इस ऑपरेशन को लेकर फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर सतेंद्र गुप्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई अहम जानकारियां दीं।

हरियाणा के फरीदाबाद में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। फरीदाबाद के धौज में डॉक्टर के घर से भारी मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट बरामद हुआ है। लेकिन आरडीएक्स नहीं मिला है। कमरे से 14 बैग, 2 ऑटोमैटिक पिस्टल, 84 कारतूस, पांच लीटर केमिकल और एके-47 बरामद की गई है। धौज इलाके में हुई इस कार्रवाई से इलाके में हड़कंप मच गया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार संदिग्ध आतंकी मुजाहिल शकील की निशानदेही पर यह कार्रवाई की गई है। एक गाड़ी से जम्मू-कश्मीर पुलिस की 5 लोगों की टीम आई थी। करीब 7-8 घंटे पूछताछ और सर्च अभियान चला।

ऑपरेशन जारी, दो लोगों को लिया हिरासत में

फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर सतेंद्र गुप्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी के घर से अमोनियम नाइट्रेट मिला है। मौके से असॉल्ट राइफल, तीन मैगजीन, एक पिस्टल भी बरामत हुई है। अभी ऑपरेशन जारी है। इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ये एक बड़ा मॉड्यूल है। आरडीएक्स नहीं मिला। छापामारी के दौरान करीब 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट मिला है। आरोपी डॉक्टर यूनिवर्सिटी में पढ़ाता था। प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुलिस उपायुक्त अपराध मुकेश कुमार भी मौजूद रहे।

जानकारी के अनुसार, आरोपी को जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीम ने दो दिन पहले गिरफ्तार किया था। पूछताछ के बाद आरोपी डॉक्टर की निशानदेही पर उसके आवास पर छापा मारा, जहां से टीम को 14 बैग, दो ऑटोमैटिक पिस्टल, 84 कारतूस, पांच लीटर केमिकल और एक एके-47 राइफल बरामद हुई है।

अनंतनाग के डॉक्टर आदिल से मुजाहिल शकील तक पहुंची पुलिस

यूपी के सहारनपुर से जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से संबंधों के चलते अनंतनाग के रहने वाले एक डॉक्टर आदिल अहमद को गिरफ्तार किया था। इसी कड़ी में कश्मीर पुलिस ने फरीदाबाद में किराए पर रह रहे डॉक्टर के कमरे में छापा मारा। बताया जा रहा है कि कश्मीरी डॉक्टर मुजाहिल शकील ने फरीदाबाद में किराए पर कमरा लिया था। आरोपी डॉक्टर यहां रहता नहीं था। उसने केवल सामान रखने के लिए कमरा लिया था।

पुलिस ने कमरे से 14 बैग बरामद किए हैं, जिनमें 300 किलो आरडीएक्स, एके 47 राइफल, 84 कारतूस और केमिकल रखा हुआ था। तीन महीने पहले किराये पर कमरा लिया था। बताया जा रहा है कि डॉक्टर शकील ने 3 महीने पहले ही किराये पर कमरा लिया था। रेड के दौरान 10 से 12 गाड़ियां मौके पर पहुंचीं।

आरोपी डॉक्टर को पुलिस ने हिरासत में लिया है। इस मामले में चार राज्यों जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और गुजरात से पूरे मामले का कनेक्शन खंगाला जा रहा है। मकान मालिक को कहा था कि सिर्फ सामान रखना है। सूत्रों के मुताबिक, डॉक्टर ने कमरा किराये पर लेते हुए मकान मालिक को कहा था कि उसे यहां सिर्फ सामान रखना है। उसके बाद कई बैग यहां रखे गए। बैग में क्या है, ये न मकान मालिक ने पूछा न किसी और ने। 

गुजरात से एटीएस ने तीन को किया गिरफ्तार

बीते रविवार को गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए देश में बड़े आतंकी हमले की साजिश रच रहे तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। इन संदिग्धों के पास से भारी मात्रा में हथियार, कारतूस और रासायनिक जहर बनाने की सामग्री बरामद हुई। यह गिरफ्तारी गुजरात एटीएस की एक साल से चल रही गहन निगरानी का परिणाम है।

गुजरात एटीएस की रडार पर थे तीनों 

गुजरात एटीएस ने अहमदाबाद से तीन संदिग्धों को उस समय गिरफ्तार किया जब वे हथियार सप्लाई कर रहे थे। पुलिस के बयान के अनुसार, ये तीनों पिछले एक साल से एटीएस के रडार पर थे और देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकी हमले की योजना बना रहे थे। गिरफ्तार किए गए संदिग्धों की पहचान डॉ. अहमद मोहिउद्दीन सैयद, मोहम्मद सुहेल पुत्र और आजाद के रूप में की गई है।

एटीएस के डीआईजी सुनील जोशी ने बताया कि खुफिया जानकारी के आधार पर, हैदराबाद के सैयद अहमद मोहिउद्दीन नाम के एक व्यक्ति के आतंकी गतिविधियों में शामिल होने और अहमदाबाद आने की सूचना मिली थी। जांच के दौरान, अहमदाबाद में उसकी गतिविधि का पता चला और उसे अडालज के पास एक टोल प्लाजा पर गिरफ्तार किया गया। उसके कब्जे से दो ग्लॉक पिस्टल, एक बेरेटा पिस्तौल, 30 जिंदा कारतूस और 4 लीटर अरंडी का तेल बरामद किया गया।

रासायनिक जहर बनाने की साजिश का खुलासा

गिरफ्तार सैयद अहमद मोहिउद्दीन, जिसकी उम्र 35-36 साल बताई जा रही है, ने चीन से एमबीबीएस की पढ़ाई की है। उसकी मंशा एक ऐसी आतंकी गतिविधि को अंजाम देने की थी जिससे भारी नुकसान हो सके। वह कई विदेशियों के संपर्क में था और 'अबू खदीजा' नाम की एक टेलीग्राम आईडी से जुड़ा था, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि वह ISKP (इस्लामिक स्टेट - खुरासान प्रांत) से संबंधित है।

मोहिउद्दीन ने रिसिन  नामक एक अत्यंत घातक रासायनिक जहर बनाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी। यह जहर अरंडी के बीजों के प्रसंस्करण से बचे अपशिष्ट पदार्थ से बनाया जाता है। वह कलोल से हथियार की खेप लेने अहमदाबाद आया था।



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