अलीगढ़ में जमीन कब्जामुक्त कराने पहुंची अफसरों की टीम पर हमला
पथराव कर एसडीएम की गाड़ी तोड़ी, दौड़ाया
अलीगढ़। अलीगढ़ महानगर के असदपुर-कयामपुर इलाके में बुधवार शाम सरकारी भूमि को कब्जामुक्त कराने पहुंची नगर निगम व तहसील कोल की टीम का ग्रामीणों ने विरोध कर दिया। टीम जब वापस जाने लगी तो प्रवर्तन दल की गाड़ी को घेरकर उसमें तोड़फोड़ कर दी गई। इसी बीच वहां से गुजर रहे एसडीएम अतरौली सुमित सिंह की गाड़ी पर पथराव कर क्षतिग्रस्त कर दिया। भीड़ के घिरने पर एसडीएम ने डेढ़ किमी तक दौड़ लगाई। खबर पर पहुंचे आला अधिकारियों व फोर्स ने स्थिति को नियंत्रित किया। अभी तक चार लोग हिरासत में ले लिए हैं।
घटनाक्रम शाम करीब चार बजे के आसपास का है। नगर निगम सीमा में नए शामिल हुए गांव असदपुर-कयामपुर की बाहरी आबादी झोपड़ी वाले इलाके में सरकारी भूमि पर कब्जे की शिकायत नगर निगम तक पहुंची थीं। इस शिकायत पर नगर निगम ने राजस्व अभिलेखों से गाटा नंबर 328 में 1730 वर्गमीटर भूमि सरकारी पाई।
फिर एसडीएम कोल को कब्जा हटवाने के संबंध में कई पत्राचार किए। इसी पत्राचार के क्रम में बुधवार को खुद सहायक नगर आयुक्त वीर सिंह, एसडीएम कोल महिमा सिंह प्रवर्तन टीम व अन्य स्टाफ संग वहां पहुंच गए। उन्होंने संपत्ति पर लगी बाउंड्री जेसीबी से गिराना शुरू कर दिया। एक दरवाजा गिरा दिया। इस पर वहां इलाके की तमाम महिलाएं व पुरुष आकर इस कार्रवाई का विरोध करने लगे। लोग इसे अपनी संपत्ति बताने लगे। वहां विरोध के चलते हंगामे की स्थिति बनने लगी। ग्रामीण अधिकारियों से नोकझोंक व धक्कामुक्की तक करने लगे।
महिला ने दिया सहायक नगर आयुक्त को धक्का
एक महिला ने सहायक नगर आयुक्त को धक्का तक दे दिया। विरोध व भीड़ को उग्र होता देख नगर निगम व तहसील की टीम वापस जाने लगी तो वहां भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया। अधिकारी जब जाने लगे तो भीड़ ने प्रवर्तन दल की गाड़ी को घेरकर पथराव कर उसमें तोड़फोड़ कर दी।
इसी बीच एसडीएम अतरौली सुमित सिंह, गाड़ी चालक सोनू व होमगार्ड अमरीश संग इस रास्ते से निकल रहे थे। भीड़ ने एसडीएम लिखी गाड़ी देख उन्हें भी इसी प्रवर्तन टीम का हिस्सा समझ उनकी गाड़ी पर हमला करते हुए पथराव कर दिया। चालक कुछ समझ पाता व गाड़ी मोड़कर वापस लेने का प्रयास करता। तब तक उनकी गाड़ी को घेर लिया और हमलावर हो गए।
एसडीएम को भी लगे ईंट-पत्थर
इस पर एसडीएम सहित स्टाफ ने गाड़ी से उतरकर भागने में भलाई समझी। एसडीएम व चालक ने तो निकलकर ओजोन सिटी की ओर करीब डेढ़ किमी तक दौडक़र खुद को बचाया लेकिन होमगार्ड गाड़ी में ही फंस गया। उसे भीड़ ने पीट दिया। वहीं पथराव में उनके चालक का सिर फट गया। एसडीएम को भी ईंट-पत्थर लगे।भागते समय एसडीएम सुमित सिंह ने अधिकारियों को फोन किया, तब ओजोन सिटी की ओर से महुआ खेड़ा पुलिस व शहर की ओर से एडीएम प्रशासन, एसपी सिटी, नगर निगम की टीम वापस आई। स्थिति को नियंत्रित करते हुए एसडीएम व प्रवर्तन टीम को बचाया गया।
मौके पर एसएसपी भी पहुंचे
घटना के बाद वहां एसएसपी नीरज जादौन भी पहुंचे। पुलिस फोर्स के आने पर प्रवर्तन टीम के पहचाने जाने पर भीड़ से चार आरोपी हिरासत में लिए गए। घटना के बाद स्थिति सामान्य होने पर इलाके में पुलिस लगा दी गई। क्षतिग्रस्त वाहन थाने भेज दिए गए। वहीं घायल एसडीएम, चालक व होमगार्ड का मेडिकल परीक्षण कराया गया। इस संबंध में नगर निगम के संपत्ति अधिकारी विजय गुप्ता की ओर से दी गई तहरीर पर महुआ खेड़ा में मुकदमा दर्ज किया गया है।
नगर निगम टीम भीड़ उग्र होने पर निकलने लगी। तब उस रास्ते से गुजर रहे दूसरे क्षेत्र के एसडीएम को न पहचानने पर भीड़ ने हमला कर दिया। मामले में नगर निगम की ओर से दी तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है। चार आरोपी हिरासत में हैं। बाकी को चिह्नित किया जा रहा है। इलाके में अब स्थिति सामान्य है। बाकी कार्रवाई की जा रही है। - मृगांक शेखर पाठक, एसपी सिटी
छर्रा विधायक के गांव में चार करोड़ की इस भूमि पर बनना है बिजलीघर
अलीगढ़ नगर निगम सीमा में नया शामिल हुआ गांव असदपुर-कयामपुर छर्रा क्षेत्र के भाजपा विधायक रवेंद्रपाल सिंह का गांव है। इस गांव के सहारे सरकारी भूमि पर कब्जे की जनप्रतिनिधियों के स्तर से हुई शिकायत के बाद ही नगर निगम हरकत में आया था। करीब चार करोड़ की इस भूमि पर बिजलीघर बनना है।
शहर के वार्ड संख्या 41 असदपुर कयामपुर में सरकारी भूमि को लेकर नगर निगम के संपत्ति अधिकारी विजय गुप्ता की ओर से जो तहरीर दी गई है। उसमें स्पष्ट उल्लेख है कि जनप्रतिनिधियों की शिकायत के बाद ही राजस्व अभिलेखों में जांच कर यह भूमि खोजी गई। जिसके लिए आधा दर्जन से अधिक गाटा संख्या की भूमि की पैमाइश के लिए नगर निगम ने तहसील को पत्र भेजे।
पिछले दस माह में करीब आठ पत्र भेजे। जिसके बाद तहसील और नगर निगम की टीम गांव में पहुंच कर तीन दिन पहले पैमाइश की। जिसमें गाटा संख्या 328 का 1730 वर्ग मीटर यानी लगभग दो बीघा कच्चा भूमि सरकारी निकली। जिसके बाद से नगर निगम ने कब्जा लेने का प्रयास शुरू किया। ग्रामीणों की मानें तो पैमाइश के दौरान भी लोगों ने विरोध किया था।
ग्रामीण बोले, तीन दशक से कहां था नगर निगम
विरोध कर रहे ग्रामीणों का कहना था कि जिस भूमि को नगर निगम अपना या सरकारी बता रहा है। उस भूमि पर करीब 15 परिवार तीन दशक से अधिक समय से रह रहे हैं। ये सभी परिवार पट्टे पर भूमि मिलने के बाद से रह रहे हैं। किसी ने बाउंड्री बना ली है, किसी ने कच्चा व किसी ने पक्का मकान बना लिया है। अब तक किसी ने उस भूमि पर हमारे निवासों को गलत नहीं बताया। न नगर निगम या तहसील स्तर से उन्हें कोई नोटिस दिया गया। राजनीति से प्रेरित होकर अब आकर सीधे उन्हें हटवाया जा रहा है।
- गाटा संख्या 328 की जमीन सड़क के दूसरी ओर है, जबकि नगर निगम की टीम बिना पार्षद को सूचना दिए जमीन को कब्जा कराने गांव में पहुंच गई। जिस जमीन की बाउंड्रीवाल व गेट जेसीबी से तोड़ी गई है, वह गाटा संख्या 271 है। यह जमीन ग्रामीण के नाम पर आवंटन है। - निरंजन सिंह, पार्षद, असदपुर कयामपुर
गाटा संख्या 328 नगर निगम की सरकारी जमीन है। पैमाइश में 1730 वर्ग मीटर जमीन पर कब्जा लेने के लिए जेसीबी से बाउंड्रीवाल और गेट को गिराया गया। इस पर आगे से किसी ने कब्जा किया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वीर सिंह, सहायक नगर आयुक्त
पहले से नहीं दी थी कार्रवाई की सूचना
एसपी सिटी मृगांक शेखर पाठक का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई के लिए नगर निगम या किसी भी विभाग को पहले से सूचना देनी होती है। जिसमें हमारी ओर से यह भी अपडेट लिया जाता है कि कहीं विरोध तो नहीं होगा। इसी अनुसार फोर्स लगाया जाता है। इस कार्रवाई के लिए पहुंचते समय सूचना दी गई थी। इसलिए भी फोर्स कम था। हालांकि, सहायक नगर आयुक्त वीर सिंह का कहना है कि पहले से सूचना पहुंचाई गई थी।


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