एनडीआरएफ ने स्वास्थ्य कर्मियों को दिया प्रशिक्षण 

 मेरठ। बुधवार को सीएमओ कार्यालय के सभागार में एनडीआरएफ की गाजियाबाद बटालियन के अधिकारियो ं ने स्वास्थ्य कर्मियों को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया। इस दौरान मास्टर ट्रेनर ने आपातकाल में किस प्रकार से कार्य किया जाए इसके बारे में विस्तार रूप से बताया। 

मास्टर ट्रेनर  इंस्पेक्टर रविंदर कुमार  ने बताया स्वास्थ्य विभाग अति महत्वपूर्ण विभाग है कई बार ऐसे अवसर आते है। जिसमें स्वास्थ्य कर्मचारियों की अहम भूमिका होती है। बताया कि आपदा प्रबंधन चक्र को सही ढंग से लागू करने पर, किसी भी विनाशकारी घटना के प्रभाव को कम किया जा सकता है।किसी आपदा से निपटने का सबसे अच्छा तरीका सक्रियता है। इसका मतलब है संभावित खतरों की पहचान करना और उनके प्रभाव को कम करने के लिए सुरक्षा उपाय तैयार करना। हालाँकि इस चक्र के इस चरण में स्थायी उपाय लागू करना शामिल है जो आपदा के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं, यह स्वीकार करना ज़रूरी है कि आपदाओं को हमेशा रोका नहीं जा सकता।उदाहरण के लिए, किसी स्कूल में निकासी योजना का क्रियान्वयन करना, शिक्षकों को यह दिखाना कि तूफान या आग लगने की स्थिति में छात्रों को किस प्रकार सुरक्षित स्थानों पर ले जाना है।तैयारी एक सतत प्रक्रिया है जिसके तहत व्यक्ति, समुदाय, व्यवसाय और संगठन आपदा की स्थिति में क्या करेंगे, इसकी योजना बना सकते हैं और प्रशिक्षण ले सकते हैं। तैयारी निरंतर प्रशिक्षण, मूल्यांकन और सुधारात्मक कार्रवाई द्वारा परिभाषित होती है, जिससे उच्चतम स्तर की तत्परता सुनिश्चित होती है।अग्नि अभ्यास, सक्रिय शूटर अभ्यास और निकासी अभ्यास, सभी तैयारी चरण के अच्छे उदाहरण हैं।

इससे पूर्व प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ सीएमओ डा. अशोक कटारिया ने किया।  कार्यक्रम के संचालन में डॉ. सुधीर कुमार (जिला सर्विलांस अधिकारी, स्वास्थ विभाग मेरठ), डॉ. अंकुर त्यागी (आपदा प्रबंधन नोडल अधिकारी, स्वास्थ विभाग मेरठ), डॉ. रक्षित (जन स्वास्थ विशेषज्ञ जनपद मेरठ), डॉ. रचना टंडन (एपिडेमीओलॉजिस्ट, स्वास्थ विभाग मेरठ) की मुख्य भूमिका रही।

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