जम्मू-कश्मीर और लद्दाख न केवल भारत की भौगोलिक सीमाओं के महत्वपूर्ण प्रतीक - प्रो. संगीता शुक्ला 

 जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख स्थापना दिवस पर सांस्कृतिक वैभव का प्रदर्शन

मेरठ। सीसीएसयू  के साहित्यिक-सांस्कृतिक परिषद के तत्वाधान में शुक्रवार को “जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख स्थापना दिवस” के अवसर पर एक भव्य एवं बहुआयामी कार्यक्रम का आयोजन विवि के अटल सभागार में किया गया। 

कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से भारत की अखंडता, एकता और विविधता का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। कार्यक्रम के अंतर्गत लघु फिल्म प्रदर्शनी, भाषण प्रतियोगिता, प्रादेशिक प्रदर्शनी, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, लोकनृत्य प्रस्तुति तथा राज्य विशेषता पर आधारित रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की संस्कृति, परंपरा और लोककला को केंद्र में रखकर विद्यार्थियों ने अपनी रचनात्मकता का शानदार परिचय दिया। कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) संगीता शुक्ला द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। इसके पश्चात छात्र-छात्राओं ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के पारंपरिक लोकनृत्यों की मनमोहक प्रस्तुतियाँ दीं। पारंपरिक वेशभूषा, लोकसंगीत और नृत्य की समन्वित छटा ने सभागार में उपस्थित सभी दर्शकों को भावविभोर कर दिया।

अपने उद्बोधन में कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) संगीता शुक्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख न केवल भारत की भौगोलिक सीमाओं के महत्वपूर्ण प्रतीक हैं, बल्कि वे हमारी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विविधता के जीवंत उदाहरण भी हैं। इन प्रदेशों की स्थापत्य कला, लोकसंगीत, नृत्य और परिधान भारतीय संस्कृति की गहराई और सौंदर्य का परिचायक हैं। यह दिवस हमें स्मरण कराता है कि भारत की असली शक्ति उसकी एकता में निहित है, जो विविधताओं के सम्मान से और भी सुदृढ़ होती है। उन्होंने आगे कहा कि विश्वविद्यालय सदैव ऐसे आयोजनों के माध्यम से राष्ट्रीय एकता, सांस्कृतिक चेतना और समरसता की भावना को प्रोत्साहित करता रहेगा। विद्यार्थियों को चाहिए कि वे प्रत्येक राज्य की सांस्कृतिक विरासत से परिचित हों, उसका सम्मान करें और उस पर गर्व महसूस करें, क्योंकि यही सच्चे अर्थों में भारत की आत्मा है।

कार्यक्रम का संचालन छात्र-छात्राओं द्वारा किया गया, जिन्होंने अपनी सृजनशीलता और अनुशासन से आयोजन को गरिमामय बनाया। इस अवसर पर साहित्यिक-सांस्कृतिक परिषद की अध्यक्ष प्रोफेसर नीलू जैन गुप्ता, समन्वयक प्रोफेसर कृष्णकांत शर्मा, कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार यादव, वित्त अधिकारी श्री रमेश चंद्र, प्रोफेसर मृदुल कुमार गुप्ता, प्रोफेसर राकेश कुमार शर्मा,प्रोफेसर विग्नेश कुमार त्यागी, डॉ. जमाल अहमद सिद्दीकी, डॉ. अलका तिवारी, प्रो. प्रशांत कुमार, डीआर विजेता गौतम, डॉ. अंशु चौधरी, डॉ. नेहा गर्ग, डॉ. डी.एन. भट्ट, डॉ. विवेक कुमार त्यागी, डॉ. योगेश मोरल, इंजीनियर प्रवीण पवार, श्री मितेंद्र कुमार गुप्ता सहित विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, प्राध्यापकगण, कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।कार्यक्रम के अंत में अतिथियों एवं विजेताओं को सम्मानित किया गया तथा राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

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