काम्पलैक्स के ध्वस्तीकरण वाले 22 व्यापारी धरने पर बैठे 

 बोले लिखित आश्वसन मिलने के बाद ही धरने से उठेंगे

 मुआवजे के रूप में प्रति दुकानदार 22 करोड़ व दुकानों का पुन: निर्माण हो 

मेरठ। कोई राहत मिलती न देख शास्त्री नगर के सैंट्रल मार्केट के 661/6 काम्पलैक्स के ध्वस्त के 22 दुकानदार शुक्रवार को फिर से धरने पर बैठे गये।  उनकी मांग है कि 661/6 के व्यापारियों को राहत दी जाए  ध्वस्त हुई 22 दुकानदारों को प्रति दुकानदार एक करोड़ रूपये मुआवजा व दुकानों का पुन: निर्माण हो या अन्य स्थल पर दुकानें मिलें। जनप्रतिनिधि उनके बीच आकर उन्हें आदेशों की कॉपी दें, तभी धरना खत्म होगा। इस दौरान धरने पर बैठे दुकानदारों ने सत्ताधारी जनप्रतिनिधियों पर जमकर भड़ास निकली। 



किशोर वाधवा ने बताया कि 661/6 के व्यापारियों संग बैठक कर शुक्रवार से धरना देने पर सहमति बनी है। उनकी मांग है कि 661/6 के व्यापारियों को राहत दी जाए और अन्य स्थल पर दुकानें मिलें। जनप्रतिनिधि उनके बीच आकर उन्हें आदेशों की कॉपी दें, तभी धरना खत्म होगा।दुकानदारों का कहना था   661/6 के ध्वस्त होने से 22 व्यापारियों का सब कुछ छिन गया। जनप्रतिनिधि उनके पास नहीं आए, जबकि वे सभी भाजपाई ही हैं। जनप्रतिनिधियों पर उपेक्षा का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उनके पास आना तो दूर फोन पर भी हाल नहीं जाना गया।

31 काम्पलैक्स के ध्वस्तीकरण नोटिस के बाद क्यों एक एकत्र हुए भाजपा के जनप्रतिनिधि 

  किशोर वाधवा ने आरोप लगाते हुए कहा जिस तरह से 31 व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के ध्वस्तीकरण के बाद जिस तरह भाजपा के जनप्रतिनिधि एकजूट नजर आए अगर वे  661/6 में मामले में एक जुटता दिखाते तो शायद काम्पलैक्स ध्वस्त होने से बच जाता। जनप्रतिनिधियों ने एकजूटता नहीं दिखाई । उन्होंने कहा आज भी 22 सड़क पर आए व्यापारी धरने पर बैठे है। लेकिन कोई उनकी सुध तक नहीं लेने आया। 

उपेक्षा का लगाया है आरोप

शास्त्रीनगर सेंट्रल मार्केट के 661/6 कॉम्प्लेक्स के व्यापारी अनदेखी से नाराज हैं। उन्होंने गुरुवार को बैठक कर जनप्रतिनिधियों पर उपेक्षा का आरोप लगाया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सेंट्रल मार्केट के आवासीय भवन 661/6 में व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स 25 अक्तूबर को ध्वस्त कर दिया गया था।

लोग दर्द से बिलख रहे और पटाखे छूट रहे

अतुल प्रधान ने कहा- एक तरफ तो लोग दर्द से बिलख रहे हैं, दूसरी तरफ आप पटाखे फोड़ रहे हो। ये कौन सी सिमपैथी है। पटाखे फोड़ने वालों से जरूर पूछें कि किस चीज के पटाखे फोड़ रहे हैं।सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर है, उस ऑर्डर में कोई सांसद, विधायक, कलेक्टर, कमिश्नर लिखकर दे दे तो वो मान्य कैसे हो जाएगा। आगे कहा कि सरकार को इस पर नियम बनाना पड़ेगा।इसमें आप लोग आयोग के रूप में एक कमेटी बनाइए, जिसमें एक वरिष्ठ अफसर या हाइकोर्ट का जज जरूर शामिल करें। तो उसका हलफनामा आप कोर्ट में लगा सकते हैं।पूरे शहर के लोगों को एकजुट होना चाहिए। इतना बड़ा दुख टूटा और दूसरे दिन ही मिठाई, गोले छूटने लगे ये तो बहुत अन-सीरियस बात है।

दिशा की बैठक में उठाऊंगा मामला

विधायक ने कहा- मैं दिशा की मीटिंग में इस विषय को रखूंगा। उनसे पूछूंगा कि आप ये फैसला लेने वाले कौन हैं। मेरा घर भी यहीं पर है। मैं पहले भी यहां आया हूं, आज भी आया हूं, मैं दिशा की बैठक में ये मसला ज़रुर उठाऊंगा।सपा विधायक के सामने अपना दर्द बताते हुए महिलाएं रो पड़ीं। पीड़ित महिलाओं ने कहा कि हमें आपकी मदद की जरूरत है। हमसे सिर्फ इसलिए कहा गया कि हम शांत रहें।

आवास विकास में ध्वस्तीकरण को लेकर चला बैठक का दौर 

 जिस वक्त व्यापारियों को शास्त्री नगर के सैंट्रल मार्केट में व्यापारियों का धरना चल रहा था उसी वक्त एडीएम सिटी  बिज्रेश कुमार का किशोर वाधना का फोन  आया। उन्होंने किशोर वाधवा को आवास विकास कार्यालय में आने के लिए कहा । किशोर वाधवा ने व्यापारियों के आने के लिए एडीएम सिटी से बाेला । दोपहर बाद आवास विकास कार्यालय में अधीक्षण अभियंता  राजीव कुमार के कक्ष में कैंट विधायक अमित अग्रवाल, एडीएम सिटी व किशोर वाधवा के बीच बैठक का दौर चला।  अधीक्षण अभियंता राजीव कुमार ने बताया कि जिन 19 व्यापरियों ने अपने प्रोपट्री से संबधित कागजात दिए है। उनकी जांच करने के बाद मुख्यालय भेजा जाएगा ।वहां से जो दिशा निर्देश मिलेगें उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। 

 धरने पर बैठने वालों में निशि कक्कड़, मीनू गुप्ता, अलका अरोड़ा, रितू गोयल, संगीता वाधवा, राशी मदान, रजत गोयल , राजीव कुमार गुप्ता ,किशोर  वाधवा आदि मौजूद रहे। 


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