बंगाल समेत 12 राज्यों में एसआईआर, असम में नहीं

ईसी के ऐलान पर बिफरा विपक्ष, पूछा- आधार का क्या?

 नयी दिल्ली,एजेंसी। चुनाव आयोग ने घोषणा की है कि देशभर में एसआईआर का दूसरा चरण कल से शुरू होगा। जिसमें 12 राज्यों में 28 अक्टूबर से 7 फरवरी तक मतदाता सूची शुद्धिकरण होगा। BLOs घर-घर जाकर जानकारी जुटाएंगे। हालांकि, आधार कार्ड को पहचान प्रमाण के रूप में शामिल करने पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं। साथ ही साथ असम में नहीं कराए जाने को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।

चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके देशभर में SIR का ऐलान कर दिया है। पहले चरण में इसकी शुरुआत बिहार से हुई थी। SIR आज तक वहां के बड़े चुनावी मुद्दों में एक है। अब चुनाव आयोग ने इसका दूसरा चरण शुरू कर दिया है और इस कड़ी में 12 राज्यों में यह प्रक्रिया कल यानी 28 अक्टूबर से शुरू हो जाएगी। SIR का दूसरा चरण 7 फरवरी तक चलेगा। जैसे ही चुनाव आयोग ने दूसरे चरण के SIR की घोषणा की, राजनीति शुरू हो गई। विपक्ष अब भी इस पर सवाल उठा रहा है तो सरकार ने कहा कि वोटर लिस्ट का शुद्धिकरण जरूरी है।

SIR के दौरान मतदाता को पहचान साबित करने के लिए 13 दस्तावेज बताए गए हैं जिनमें आधार और वोटर कार्ड भी शामिल है। हालांकि आधार कार्ड सिर्फ पहचान का प्रमाण होगा, नागरिकता का नहीं. इसी को लेकर विपक्ष फिर से हमलावर हो गया है। विपक्ष का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग ने SIRके जिन प्रमाण पत्र को शामिल करने की बात कही है उसमें आधार शामिल नहीं है।

असम में नहीं होगा SIR, चुनाव आयोग ने बताई वजह

इस चरण में यूपी, बंगाल, तमिलनाडु, राजस्थान, पुडुचेरी, मध्य प्रदेश, लक्षद्वीप, केरल, गुजरात, गोवा, छत्तीसगढ़ और अंडमान निकोबार में SIR होगा।  खास बात ये है कि अगले साल चुनाव वाले राज्य बंगाल में SIR होगा, लेकिन असम में नहीं. चुनाव आयोग का कहना है कि असम में नागरिकता से जुड़े नियम थोड़े अलग है, इसलिए वहां ये प्रोसेस अलग तरीके से चलेगी. सभी 12 राज्यों के निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं. मतदान अधिकारियों का प्रशिक्षण मंगलवार से शुरू हो जाएगा।

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि दूसरे चरण में हर घर पर BLO तीन बार जाएंगे और मतदाताओं की जानकारी जुटाएंगे। इसके बाद वो सभी जानकारी जिला प्रशासन के पास जमा कराएंगे।मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि जिन राज्यों में SIR की प्रक्रिया होनी है, वहां आज रात 12 बजे से मतदाता सूची फ्रीज हो जाएगी।

दिग्विजय सिंह बोले- चुनाव आयोग ने आधार कार्ड को छोड़ दिया

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने SIR के दूसरे चरण पर कहा कि जो SIR किया जा रहा है उसे लेकर हमारी मांग साफ है कि पहला जो हमें मतदाता सूची दी जा रही है उसमें मशीन द्वारा पहचाने जाने योग्य सूची प्राप्त करवाई जाने चाहिए ताकि हम डिजिटल तरीके से पता लगा सकें कि किसी व्यक्ति का नाम दो या तीन जगह तो नहीं है।

उन्होंने कहा कि दूसरा जो प्रमाण पत्र उन्होंने(निर्वाचन आयोग) मांगे हैं उसमें आधार कार्ड को छोड़ दिया गया है। इसके बारे में हमारी आपत्ति है। हर नागरिक का ये मौलिक अधिकार है कि उसका नाम मतदाता सूची में जोड़ा जाए. उसकी जवाबदारी और जिम्मेदारी चुनाव आयोग की है।

चुनाव आयोग का ये काम नहीं है- टीएस सिंह देव

छत्तीसगढ़ के पूर्व डिप्टी सीएम और कांग्रेस नेता टीएस सिंह देव ने कहा है कि अपनी गलती स्वीकार किए बिना पूरे देश पर इस प्रक्रिया को लागू करना चाह रहे हैं. छत्तीसगढ़ भी इसमें शामिल है। चुनाव आयोग का काम नहीं है कि कौन प्रवास कर रहा है, कौन देश का नागरिक है। ये गृह विभाग का काम है. ये ध्यान भटकाने का काम कर रहे हैं।

मध्य प्रदेश कांग्रेस बोली- बीजेपी की सोच से देश डरा हुआ है

मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जितेंद्र (जीतू) पटवारी ने कहा कि बिहार में जब SIR का प्रयास हुआ था तो देश और बिहार डरा था। इस पर राजनीतिक दलों ने बहुत भारी प्रतिक्रिया दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त को निर्देश दिए कि 65 लाख नाम काटे जा रहे हैं, इसका कारण सार्वजनिक किया जाए लेकिन आज तक ऐसा नहीं किया गया।’देश का नागरिक डरा हुआ क्यों है?’


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