मेरठ पहुंचे मत्स्य मंत्री ने कर्मचारियों को लगाई फटकार
बाले जनता के साथ धोखा करते हो , तीस दिन का काटूंगा वेतन
मेरठ।लखनऊ से मेरठ पहुंचे मत्सय विभाग के मंत्री संजय निषाद गुरूवार को कर्मचारियों पर भड़कते हुए नजर आए । उन्होंने गुस्साते हुए कहा कि तुम लोग सरकारी योजनाओं को पलीता लगा रहे हो। सब मिलकर सरकार के साथ धोखा कर रहे हो। फॉर्म फर्जी तरीके से भरे हो। मैं तुम लोगों की रिपोर्ट जारी करुंगा। 30 दिन का वेतन काटूंगा।
मत्स्य विभाग के मंत्री संजय निषाद मंडलीय सेमिनार में शामिल होने गुरुवार को मेरठ पहुंचे थे। विभागीय योजनाओं के लिए लगाए गए स्टाल पर कर्मचारी फॉर्म नहीं दिखा सका। इस पर मंत्री जी भड़क उठे। कार्यक्रम का आयोजन चौधरी चरण सिंह विवि के नेताजी सुभाषचंद्र बोस सभागार में किया गया था।मंडलीय संगोष्ठी में मेरठ मंडल के सभी 6 जिलों से मत्स्य पालक और पार्टी कार्यकर्ता, पदाधिकारी पहुंचे थे। विभागीय आयोजन में तमाम गरीब, जरूरतमंदों को सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जानी थी। उनसे फॉर्म भरवाए जाने थे।मंत्री जब संगोष्ठी में लगे विभागीय स्टॉलों का भ्रमण करने लगे तो उन्हें कई शासकीय योजनाओं के स्टॉल नजर नहीं आए। एक स्टॉल पर मंत्री संजय निषाद रुक गए। लेकिन, स्टॉल खाली पड़ा था। वहां कर्मचारी नहीं था। इस पर मंत्री भड़क गए।उन्होंने डांटते हुए कहा कि कहा कि कौन फॉर्म भर रहा है? यहां किसकी ड्यूटी है? जनता आएगी तो किससे पूछेगी किससे मदद लेगी? इतने में स्टॉल पर तैनात विभागीय कर्मचारी दौड़ते हुए आया।उसने बताया कि मेरी ड्यूटी है। मंत्री ने उससे खाली फॉर्म मांगा। इस पर उसने कहा कि खाली फॉर्म खत्म हो गए। यह सुनकर मंत्री का गुस्सा और बढ़ गया। उन्होंने कहा कि यहां और कौन फॉर्म भर रहा है, किसकी जिम्मेदारी लगाई है?कर्मचारी ने कुछ भरे हुए फॉर्म मंत्री जी को दिखा दिए। मंत्री ने कहा कि ये फॉर्म फर्जी तरीके से भरे हो, इनको घर से भरकर लाए हो। कर्मचारी ने कहा नहीं सर यहीं भरे थे। मंत्री बोले- तो अब खाली फॉर्म कहां है, पता नहीं था कि मंडलीय सेमिनार है। दूरदराज गांवों से सुबह से ये मत्स्य पालक भाई आए हैं। इनको योजनाओं की जानकारी देकर आवेदन कराना होगा।
मंत्री ने पूछा कि चिकित्सा सहायता, शिक्षा सहायता इन सबकी टेबल कहां है? किसकी ड्यूटी लगाई गई है? जो मुख्यमंत्री सहायता की योजनाएं हैं, उनकी टेबलें कहां हैं? मछुवा कल्याण का टेबल नहीं है। बैनर कहां है? टेबल और फॉर्म कहां है? कर्मचारी ने कहा कि सर ऑनलाइन फॉर्म भराएंगे। इस पर वह और नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि ये आम जनता ऑनलाइन आवेदन कैसे कर लेगी।
जनता और सरकार के साथ धोखा कर रहे हो
संजय निषाद ने कहा कि ये तरीका एकदम गलत है। यह जनता के साथ धोखा है, सरकार के साथ धोखा है। तुम लोग सरकार की योजनाओं को पलीता लगा रहे हो। सरकारी योजनाओं में गड़बड़ कर रहे हो। मैं सबकी रिपोर्ट बनाकर भिजवाऊंगा।
इस बीच एक महिला कर्मचारी भी अपनी और स्टाफ की सफाई में बोलने लगी। मंत्री ने साफ कहा कि फर्जीवाड़ा कर रही हो यहां। वहां मौजूद अधिकारी से उन्होंने कहा- सबका एक महीने का वेतन काटो, महिला कर्मचारी का भी एक महीने का वेतन काटने को कहा। इसके बाद संजय निषाद वहां से नाराज होकर चले गए।
जातीय जनगणना वंचित समाज का अधिकार है
मीडिया से बात करते हुए मंत्री संजय निषाद ने कहा कि जातीय जनगणना एक ऐतिहासिक, साहसिक और सामाजिक बदलाव की दिशा में निर्णायक कदम है। यह केवल आंकड़ों की गणना नहीं, बल्कि वंचित और हकदार समाजों के अधिकार, उनकी राजनीतिक, आर्थिक, शैक्षिक हिस्सेदारी और सामाजिक सम्मान सुनिश्चित करने का आधार है।जातीय जनगणना निषाद, मल्लाह, केवट, बिंद, कश्यप, गोंड, बाथम, धीवर, मांझी, रायकवार जैसे जलाशय आधारित परंपरागत वंचित समाजों की सही संख्या को सामने लाएगी। यह गिनती ही भविष्य में उनकी भागीदारी का मजबूत आधार बनेगी।जातीय जनगणना सिर्फ दस्तावेज भरने की प्रक्रिया नहीं है, यह अपने हक को दर्ज कराने का अवसर है। यदि गिनती गलत हो गई, तो हमारा हक और हिस्सेदारी भी कम हो जाएगी।मछुआरा समाज के सभी उपजातियों से अपील की कि वे जातीय जनगणना के दौरान पूरी जागरूकता और जिम्मेदारी से अपनी सही पहचान दर्ज कराएं। उन्होंने कांग्रेस, सपा, बसपा पर निशाना साधा। राहुल गांधी को जन्मदिन की बधाई दी। सपा, कांग्रेस को जातीय जनगणना के खिलाफ बताया।
No comments:
Post a Comment