ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग पूजन का मामला

 स्‍वामी अविमुक्‍तेश्‍वरानंद की मांग पर आदेश सुरक्षित

वाराणसी।
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में एडवाेकेट कमिश्‍नर की कार्यवाही के दौरान मिले शिवलिंग का दर्शन-पूजन और भोग लगाने की मांग को लेकर अदालत में सुनवाई हुई। अनशनरत स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र पर जनपद न्यायाधीश डा.अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में दोपहर में सुनवाई की गई। वहीं थोड़ी देर की बहस के बाद सुनवाई पूरी हो गई। इस मामले में प्रार्थना पत्र पर आदेश सुरक्षित रख लिया गया है।
बीते माह एडवाेकेट कमीशन की कार्यवाही के दौरान ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग आदि विश्वेश्वर के राग-भोग के साथ ही पूजा और अर्चना करने की इजाजत देने को लेकर स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द के प्रार्थना पत्र पर जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में मंगलवार को सुनवाई की गई।
एडवोकेट कमिश्नर की कमीशन कार्यवाही की रिपोर्ट में ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग मिलने पर मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा वजू करने की बात प्रकाश में आने पर अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के संयुक्त सचिव एसएम यासीन व अन्य एक हजार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के वकील राजा आनंद ज्योति सिंह के प्रार्थना पत्र पर सोमवार को बहस पूरी हो गई थी। मंगलवार को अदालत द्वारा इस बाबत फैसला सुनाने की उम्‍मीद थी।
कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए खारिज की अपील : एडवोकेट कमिश्नर की कमीशन कार्यवाही रिपोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में शिवलिंग पर मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा वजू करते की बात प्रकाश में आने पर अंजुमन इतेजामियां मसाजिद के संयुक्त सचिव एस एम यासीन एवं अन्य एक हजार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अपील पर टिप्पणी करते हुए अदालत ने प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया।
अदालत ने कहा कि प्रकरण संवेदनशील है और सिविल न्यायालय में विचाराधीन है। ऐसा प्रतीत होता है कि प्राथी ने संवेदनशील मुद्दे में व्यक्तिगत रुप से अपना हित साधने हेतु व लाइमलाइट में बने रहने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है जो कि कदापि उचित नहीं कहा जा सकता।

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