कॉपरेटिव बैंक का सर्वर हैक कर 28 खातों से निकाले 86 लाख रु., एक साल बाद यूपी से गिरफ्तार
स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप राजस्थान की टीम ने की कार्रवाई, आरोपी के खाते से 3 लाख बरामद
जयपुर।जयपुर पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) टीम ने सायबर क्राइम के मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने करीब एक साल पहले कॉपरेटिव बैंक का सर्वर हैक कर 28 खातों से 86 लाख रु. निकाल लिए थे। वारदात के एक साल बाद हैकर को उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया है। सायबर अपराध से जुड़ी इस गैंग का मास्टरमाइंड नाइजीरियन मूल का नागरिक है। जो फरार चल रहा है।
एसओजी और एटीएस के एडीजी अशोक राठौड़ ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी अयूब हसन खां (20) है। वह यूपी में कासमपुर, बरेली का रहने वाला है। इसके खाते से करीब 3 लाख रुपए जब्त किए हैं, जो कि बैंक के खाते से ट्रांसफर कर निकाले गए थे। साथ ही, अयूब के कब्जे से उसका असली आधार कार्ड, जिसमें कांट-छांट कर फर्जी आधार कार्ड बनाया गया था। बरामद कर लिया गया है।
इस तरह करते है वारदात
राठौड़ ने बताया कि जालौर की कॉपरेटिव बैंक के मैनेजर हरीश ओझा ने 18 अक्टूबर 2019 में केस दर्ज कराया था। जिसमें बैंक सर्वर (सीबीएस प्रणाली) को हैक करने के बाद 28 खातों में 86.42 लाख रुपए ट्रांसफर कर निकालने की बात बताई थी। यह गैंग सर्वर हैक करने के बाद अमीर खाताधारकों की पहचान करती है। इसके बाद उनके खातों की निकासी रकम की लिमिट को बढ़ा देती है। उनके लिंक मोबाइल फोन नंबरों के आधार पर खुद के मोबाइल फोन नंबर में बदल देते थे। जिसका खाताधारक को लेन-देन का मैसेज के जरिए पता नहीं चलता है।
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खुलवा रखे है 28 बैंक खाते
राठौड़ ने बताया कि सायबर गैंग ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 28 बैंक खाते खुलवा रखे हैं। जिनमें नागरिक सहकारी बैंक के 4 से ज्यादा पैसे वाले खाते धारकों के अकाउंट से महज 2 घंटे में 86.42 लाख रुपए ट्रांसफर कर अपने 28 बैंक खातों में जमा करवा लिए। इस केस की जांच पुलिस इंस्पेक्टर उम्मेद सिंह सोलंकी, पुलिस इंस्पेक्टर मनीष गुप्ता और कांस्टेबल सुभाष को सौंपी गई। जिन्होंने लगातार तकनीकी पड़ताल कर यूपी, दिल्ली में कई ठिकानों पर दबिश दी। आखिरकार बरेली में अयूब खां एसओजी पुलिस की गिरफ्त में आ गया।
अयूब ने फर्जी दस्तावेजों से 20 मोबाइल सिम ली, फिर खाते खुलवाए
एसओजी पुलिस के मुताबिक आरोपी अयूब खां ने अपने आधार कार्ड व पेन कार्ड में कांट छांट कर अपने पिता का नाम व पता बदल लिया। फिर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर करीब 20 मोबाइल फोन सिम जारी करवाई। इसके बाद अलग अलग बैंकों में फर्जी नाम व पते से 20 खाते खुलवाए। इन्हीं में नागरिक कॉपरेटिप बैंक के ग्राहकों के खाते में जमा रकम को ट्रांसफर कर हड़प लिया।
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