फंस गये आधा दर्जन अफसर व 63 वितरक , सभी राशन डीलरों होगा मुकदमा दर्ज 

 मुख्य संवाददाता 


मेरठ। फर्जी यूनिट के आधार पर लाखों रुपये के राशन घोटाले में मेरठ जिले के आधा दर्जन अफसर, 63 राशन डीलर फंस गए हैं। शासन ने अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई, निलंबन का आदेश दिया है। वहीं राशन डीलरों पर मुकदमे का आदेश दिया गया है। शासन के आदेश पर कार्रवाई के लिए सीएसओ नीरज सिंह ने डीएम से अनुमति मांगी है।
मामला वर्ष 2018 का है। जो यूनिट काट दिए गए थे। डीलरों ने अफसरों की मिलीभगत से जरूरतमंदों का राशन हड़पने का काम किया। फर्जी राशन वितरण दिखाया। विभागीय जांच में छह राशनिंग अधिकारी, सप्लाई इंस्पेक्टर और 63 वितरकों पर लगाए गए आरोप सही साबित हुए हैं। दो साल पहले हुए इस घोटाले में अफसरों की भूमिका संदिग्ध मानी गई है। इनके खिलाफ विभागीय स्तर से कार्रवाई होगी।
वर्ष 2018 में राशन वितरकों का बड़ा खेल सामने आया था। जनपद में ऐसे 63 वितरक पकड़ में आए थे जिन्होंने फर्जी तरीके से खाद्यान्न नहीं दिया। मामले में जिला प्रशासन से लेकर कमिश्नर और शासन तक शिकायतें की गईं। वितरकों पर आधार के जरिए जरूरतमंदों का खाद्यान्न निकालने के आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की गई थी।
जिला पूर्ति अधिकारी नीरज सिंह ने बताया कि जांच पूरी कर ली गई है। इसमें वितरकों की भूमिका दोषपूर्ण मिली है। उन्होंने बताया कि जिले के 63 वितरक हैं। इनमें मेरठ तहसील के 35 और शेष सरधना तथा मवाना तहसील के हैं। सभी के खिलाफ कार्रवाई के लिए डीएम को रिपोर्ट भेज दी गई है। सभी दोषी वितरकों के खिलाफ एफआईआर कराने की सिफारिश की गई है। इसी के साथ विभाग में कार्यरत कुछ अफसरों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। निलंबन की कार्रवाई शासन स्तर से होगी।

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