कताई मिल को तोडकर बनेगा औद्यौगिक क्षेत्र
कानपुर व गाजियाबाद की टीम ने किया निरीक्षण दिन दिन में शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी

मेरठ। परतापुर कताई मिल परिसर में बहुत जल्द न्यू उद्योगपुरम विकसित होगा। यूपीएसआईडीसी, यूपीसीडा कानपुर, गाजियाबाद और मेरठ की टीम ने शुक्रवार को कताई मिल परिसर का निरीक्षण किया। निरीक्षण में औद्योगिक क्षेत्र के लिए उपयुक्त पाया गया। बस कताई मिल परिसर के खंडहर भवनों को ध्वस्त कर नये सिरे से निर्माण करना होगा।
प्रदेश सरकार उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए जगह.जगह न्यू उद्योगपुरम विकसित कर रही है, जिसके लिए परतापुर कताई मील परिसर का भी चयन किया गया है। 90 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में फैला परतापुर कताई मिल जल्द ही न्यू उद्योगपुरम में विकसित होता नजर आएगा। शुक्रवार को कानपुर, गाजियाबाद और मेरठ यूपीएसआईडीसी, यूपीसीडा की टीम ने कताई मिल का निरीक्षण किया। यूपीसीडा के जीएम सतीश कुमार ने बताया कि तीन दिन में शासन को रिपोर्ट चली जाएगी।
बतादें परतापुर कताई मिल को बंद हुए अरसा बीत गया है, जिस कारण कताई मिल की बिल्डिंग और 90 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में फैला परिसर खंडहर और झाड़ियों में तब्दील हो चुका है। प्रदेश सरकार ने कताई मिल को न्यू उद्योगपुरम में विकसित करने का निर्णय लिया और प्रक्रिया शुरू कर दी। कानपुर, गाजियाबाद और मेरठ से आई यूपीएसआईडीसी की टीम ने कताई मिल का निरीक्षण किया। असिस्टेंट सेक्रेटरी यूपीएसआईडीसी वीके मिश्रा और जीएम सतीश कुमार ने बताया कि उद्योगपुरम के लिए कताई मील में बनी बिल्डिंग खराब हो चुकी है। इसको ध्वस्त करने के बाद ही कताई मिल परिसर की जगह में प्लॉटिंग की जा सकती है। वहीं, उन्होंने कताई मिल में बनी सड़क और बिजली के पोल सहित पानी की टंकियों की भी बारीकीयों से जांच की। कहा कि कताई मिल की कीमत और उद्योगपुरम के लिए बेचने वाले प्लॉटों की कीमत शासन को रिपोर्ट भेज कर तय की जाएगी।
1999 से पड़ी है बंद
उप्र राज्य वस्त्र निगम लिमिटेड के अधीन परतापुर स्थित कताई मिल वर्ष 1999 से बंद पड़ी है। सरकारों की उपेक्षा की शिकार सूबे की कताई मिलों के साथ.साथ मेरठ की मिल भी खंडहर में तब्दील हो रही है। हालांकि समय-समय पर सरकारों द्वारा प्रयास किए जाते रहे हैं किंतु संचालन की दिशा में अभी तक सफलता नहीं मिली है। 2001 में तत्कालीन सरकार के निर्देश पर कताई मिल की वैल्यूशन निकलवाई गई थी तो वहीं कॉरपोरेशन ने 2011 में गाजियाबाद की एक प्राइवेट एजेंसी से मेरठ के कताई मिल की वेल्यू का आंकलन कराया था। तब इसकी वेल्यू करीब 250 करोड़ आंकी गई थी।
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